मंडी. लंबे समय से कौल सिंह ठाकुर का गढ़ बन चुकी द्रंग विधानसभा सीट पर इस बार तिकोना मुकाबला देखने को मिलेगा. इस बार कौल सिंह ठाकुर को न सिर्फ भाजपा से चुनौती मिलेगी बल्कि कभी उनके खासमखास रहे पूर्ण चंद ठाकुर भी उन्हे चुनौती देने के लिए मैदान में होंगे.
कांग्रेस के समीकरण
तो कौल सिंह ठाकुर का कांग्रेस से टिकट पक्का माना जा रहा है लेकिन पूर्ण चंद ठाकुर ने भी कांग्रेस पार्टी के टिकट के लिए आवेदन कर दिया है. कौल सिंह ठाकुर 1973 में राजनीति में आए थे. जिसके बाद वो सदस्य, चेयरमैन पद का सफर तय करके बीजेपी से 1977 में चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे. 1982 में इन्होने बीजेपी को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. मौजूदा समय में कौल स्वास्थ्य, राजस्व का दायित्व संभाल रहे हैं. कौल सिंह ठाकुर को विश्वास है कि जनता उन्हें नौंवी बार चुनकर विधानसभा भेजेगी. कौल इस चुनाव को अपने जीवन का आखिरी चुनाव बता रहे हैं.
दूसरी तरफ पूर्ण चंद ठाकुर 1982 से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं. अभी वह जिला परिषद मंडी के उपाध्यक्ष पद का दायित्व भी संभालने के साथ कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी हैं. पूर्ण चंद ठाकुर कौल सिंह ठाकुर के ख़ासमख़ास माने जाते थे, लेकिन आज इनकी दोस्ती में दरार आ चुकी है. पूर्ण चंद ठाकुर वीरभद्र सिंह खेमे में चले गए हैं और खुद के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. यदि पूर्ण सिंह ठाकुर को टिकट नहीं भी मिलती है तो इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.
भाजपा की बिसात
वहीं भाजपा में तीन बार हार चुके जवाहर ठाकुर और कारगिल युद्ध के हीरो रहे ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर टिकट के लिए मैदान में जोर आजमाईश कर रहे हैं. जवाहर ठाकुर पूर्व में जिला भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं. जवाहर ठाकुर पहले कांग्रेस में थे. बाद में भाजपा के साथ हो गए. 2007 और 2012 में दो बार जवाहर ठाकुर को भाजपा से टिकट मिला लेकिन दोनो ही बार कुछ वोटों से हार गये. मौजूदा समय में जवाहर ठाकुर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और दबे स्वर में अपनी दावेदारी भी जता रहे हैं. उनका मानना है कि इस बार द्रंग विधानसभा में कमल खिलेगा. जवाहर ठाकुर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष जय राम ठाकुर के करीबी भी माने जाते हैं.
ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर देश की सरहदों की रक्षा करते हुए अपना जीवन बीताया है. कारगिल युद्ध का इन्हें हीरो माना जाता है. पिछली बार लोकसभा चुनावों में टिकट लेने से महज एक कदम दूर रह गए थे. 2014 के लोकसभा चुनावों में मंडी संसदीय क्षेत्र से इन्हे टिकट मिलने की कयास लगाए जा रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस बार फिर टिकट के लिए दावेदारी जता रहे हैं. उन्होने कहा पार्टी ने मौका दिया तो चुनाव जरूर लड़ेंगे लोकसभा चुनावों में टिकट लेने से महज एक कदम दूर रह गए थे.