शिमला: सूबे में मुश्किल आर्थिक हालात से गुजर रही हिमाचल सरकार को लगातार दूसरे महीने लोन लेना पड़ रहा है. पहली जुलाई को होने वाले कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन के भुगतान से पहले 1,000 करोड़ रुपए का लोन राज्य सरकार लेगी.
500-500 करोड़ की दो किस्तों में दिया जायगा लोन
इसे बुधवार को नोटिफाई कर दिया गया. यह लोन 500-500 करोड़ की दो किस्तों में दिया जा रहा है. एक 10 साल के बाद वापस करना है और दूसरा 15 साल के बाद. इससे पहले इसी महीने राज्य सरकार ने 800 करोड़ लोन लिया था.
नए लोन की राशि, क्योंकि पांच जुलाई को सरकार के खाते में आएगी, इसलिए यह अगले महीने में गिना जाएगा. इस तरह लगातार दो महीने से लोन लेना पड़ रहा है. मई महीने की सैलरी और पेंशन जब जून महीने में दी गई थी, तो भी राज्य की ट्रेजरी ओवरड्राफ्ट में चली गई थी. उसके बाद भारत सरकार से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट आने और 800 करोड़ रुपए लोन लेने की वजह से ट्रेजरी बैलेंस हुई थी. अब फिर से वही नौबत है.
आर्थिक संकट से जूझ रहा हिमाचल
हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है. सरकार के पास कर्मिचारियों को वेतन भत्ते तक देने के पैसे नहीं है. जून महीने में सरकार के पास पैसा नहीं था और उसका नतीजा यह हुआ कि एचआरटीसी के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 15 जून तक वेतन नहीं मिल पाया था
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि दिसंबर तक हिमाचल के पास 4200 करोड़ लोन लेने की लिमिट है और अभी जो लोन लिया जा रहा है वह भी निर्धारित सीमा के भीतर है. मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान आर्थिक हालात ऐसे हैं कि अब लगभग हर महीने लोन से ही काम चलाना पड़ेगा. जब तक सरकार द्वारा राजस्व जुटाने के लिए उठाए गए कदमों का रिजल्ट आना शुरू नहीं होता.