शिमला. हिमाचल सरकार ने एडीएम और उप मंडलाधिकारी एसडीएम के साथ लगे निजी सुरक्षा कर्मी (पीएसओ) को हटाने के निर्देश दिए हैं. अब इन पीएसओ की थाना व चौकियों में सेवाएं ली जाएंगी. इन अधिकारियों की ओर से माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री के काफिले में भी पहले की अपेक्षा कम गाड़ियां चलेंगी.
हिमाचल की वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया- CM सुक्खू
सुक्खू सरकार का मानना है कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अधिकारियों की सुरक्षा के लिए पीएसओ की तैनाती की गई थी. इससे प्रदेश सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ा है. सीएम ने भी अपनी सुरक्षा कम करने को कहा है. हिमाचल में फिजूलखर्च रोकने के लिए सुक्खू सरकार का यह बड़ा फैसला है. हिमाचल सरकार 79 हजार करोड़ के कर्जे में डूबा है. हिमाचल प्रदेश में 70 से ज्यादा सब डिविजन है.
SDM और ADM के साथ PSO की जरूरत नहीं
इनमें कई एडीएम और एसडीएम के साथ सुरक्षा को लेकर पीएसओ की तैनाती की गई है. सरकार का मानना है कि हिमाचल शांत राज्य है. ऐसे में अधिकारियों के साथ पीएसओ की जरूरत नहीं है. उल्लेखनीय है कि विधायक रहते हुए भी सीएम सुक्खू ने पीएसओ नहीं रखा. ऐसे में वह विधायकों और सीपीएस को भी जरूरत पड़ने पर पीएसओ रखने के निर्देश दिए हैं. सीएम व मंत्रियों की वीवीआईपी, वीआईपी मूवमेंट में भी वाहनों की संख्या कम करने को कहा गया है.
भाजपा सरकार ने लगाए थे SDM और ADM के साथ PSO
सरकार का मानना है कि काफिला गुजरते वक्त जिले की लोकल पुलिस की गाड़ी साथ चलती है. ऐसे में पुलिस के ज्यादा वाहन चलाने की जरूरत नहीं रहती. मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में एसडीएम और एडीएम के साथ पीएसओ लगाए गए थे. इन्हें हटाने को कहा गया है. वीवीआईपी काफिले में भी गाड़ियों की संख्या कम होगी.