शिमला. देश के कई हिस्सों में पशुओं में फैल रही लंपी त्वचा रोग के बीच हिमाचल प्रदेश में मवेशियों के खरीद-फरोख्त और उनके परिवहन पर रोक को लेकर प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. प्रदेश में अब किसी भी मवेशी की इधर से उधर आवाजाही नहीं होगी. इसके पिछे का मकसद संक्रमित मवेशी से वायरस का खतरा स्वस्थ पशुओं तक न पहुंचे. हिमाचल प्रदेश में लंपी त्वचा रोग से अब तक 79 पशुओं की मौत हो चुकी है जबकि 1351 बीमारी से ग्रस्त हुए हैं.
खरीद-फरोख्त और परिवहन पर रोक को लेकर अधिसूचना जारी
सिरमौर समेत हिमाचल के कुछ जिले पंजाब व हरियाणा से सटे हैं. इन दोनों राज्यों में लंपी त्वचा रोग पिछले लंबे समय से फैला है. माना जा रहा है कि इन्हीं राज्यों ये रोग मवेशियों के साथ हिमाचल में प्रवेश कर गया. पड़ोसी जिलों में पंजाब, हरियाणा से भी पशुओं की खरीद फरोख्त के अलावा उन्हें लाते-लेजाते हैं. इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर उपायुक्तों को भेज दी है. संक्रमित पाए जाने वाले मवेशी को दूसरे मवेशियों से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उपचार करने वाले व्यक्ति भी स्वस्थ मवेशियों से दूर रहेंगे, जिससे संक्रमण न फैले.
सिरमौर में सबसे ज्यादा प्रकोप
प्रदेश का सिरमौर जिला इस बिमारी का केंद्र बना हुआ है. सिरमौर में संक्रमण की चपेट में आए मवेशियों के मामले बढ़कर 500 के करीब पहुंच गए हैं. जबकि, 30 मवेशियों की मौत भी हो चुकी है. सिरमौर में पशुपालन विभाग ने जिन क्षेत्रों में संक्रमण के ज्यादा मामले हैं वहां चार एपिसेंटर बनाए हैं. एपिसेंटर के पांच किलोमीटर के दायरे में मवेशियों का टीकाकरण किया जाएगा.