शिमला. पूरे देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जाता है, वहीं हमारे देश में एक ऐसा इलाका भी है जहां 16 अगस्त को स्वाधीनता दिवस मनाया जाता है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 30 किलोमीटर दूर ठियोग में यह दिवस 16 अगस्त को मनाया जाता है.
आखिर क्यों मनाया जाता है ठियोग में 16 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस
देश में शिमला की ठियोग रियासत सबसे पहले राजाओं की सत्ता से आजाद हुई और आजाद भारत में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार पहली बार 16 अगस्त 1947 को यहां बनी.
दरअसल 15 अगस्त 1947 को ठियोग रियासत के राजा कर्मचंद को लोगों के विरोध को देखते हुए राजगद्दी छोड़नी पड़ी थी. राजा कर्मचंद के बाद यहां लोकतांत्रिक रूप से सूरत राम प्रकाश ने सत्ता संभाली. प्रजामंडल के सूरत राम प्रकाश को प्रधानमंत्री चुना गया और उनके साथ 16 अगस्त को गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा सहित अन्य आठ लोगों ने बतौर मंत्री पद की शपथ ली.
तब से लेकर अब तक ठियोग में 16 अगस्त को आजादी दिवस मनाया जाता है. स्थानीय लोग रिहाली और जलसा के रूप में आजादी दिवस मनाते आए है. दो दिन तक चलने वाला यह जलसा 15 और 16 को सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन किया जाता है.