हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज़ हो गयी हैं। राजनैतिक दलों की ताम-झाम के बीच निर्वाचन आयोग भी चुनाव की तैयारियों को पूरी करने में जुट गया है और प्रदेश में विधान सभा चुनाव से संबंधित तैयारियों का जायजा लेने भारत निर्वाचन आयोग की टीम सितम्बर के महीने के पहले पखवाड़े में शिमला पहुंच रही है।
निर्वाचन आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो 7 और 8 सितम्बर को शिमला में एक बैठक रखी गई है, जिसमें सभी जिलों के उपायुक्त, नोडल ऑफिसर और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े तमाम अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में न सिर्फ चुनावी तैयारियों का जायज़ा लिया जायेगा बल्कि भविष्य की कार्य प्रणाली को अमली जामा भी पहनाया जायेगा ताकि शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सुनिश्चित करवाये जा सकें।
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्दे नज़र शिमला स्थित निर्वाचन विभाग ने इन दिनों मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया है जो 15 सितम्बर तक चलेगा। ऐसा माना जा रहा है कि 15 सितम्बर तक नयी मतदाता सूचि बनकर तैयार हो जायेगी ।
निर्वाचन विभाग द्वारा प्रदेश में नये वोटरों के पंजीकरण पर जोर दिया जा रहा है। 1 जनवरी 2017 तक 18 वर्ष पूर्ण करने वाले नये वोटर पंजीकृत किये जा रहे हैं, जिनको सुविधा देने के लिये ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था भी की गयी है।
आयोग से प्राप्त आँकड़ों के मुताबिक अब तक लगभग 33 से 35 हजार 18 वर्ष के नये वोटर पंजीकृत हो चुके हैं, जो कुल 48 लाख मतदाताओं का 4 प्रतिशत हैं। निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं एवं नवागत अभ्यर्थियों की सुविधा के लिये 1950 हेल्पलाईन नंबर भी जारी किया है जहाँ फोन करके किसी भी प्रकार की शंका का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
गौरतलब है कि प्रदेश की विधान सभा सबसे पहले ई-विधान प्रणाली से जुड़ी थी, यह पूरी तरह पेपरलैस विधान सभा है। प्रदेश विधान सभा की ई-विधान प्रणाली देश के अन्य राज्यों की विधान सभा के लिए एक आदर्श बनकर उभरी है। देश के अन्य राज्य भी ई-विधान प्रणाली के मामले में हिमाँचल विधानसभा का अनुसरण कर रहे हैं।