घुमारवीं (बिलासपुर). हिमाचल प्रदेश के हर जिले में अावारा पशुओं के झुंड देखे जा सकते हैं तथा अावारा पशुओं के कारण कई सड़क दुर्घटनाएं रोजाना हो रही है.
इन अावारा पशुओं में कई ऐसे खूंखार बैल हैं जिन्होंने कई लोगों की जानें ली है और कइयों को अपंग बना दिया है. इसके साथ ही खेतों में जाकर उपजाऊ फसल को बर्बाद करते हैं. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
उपजाऊ भूमि बंजर बन चुकी है
चुनाव चाहे लोकसभा या फिर विधानसभा के हों हर क्षेत्र में अवारा पशुओं की समस्या की गूंज जनता द्वारा उठती रही है क्षेत्र के जुझारू किसान सोहन लाल वेद प्रकाश, मुन्नी लाल, गुरदेव कौशल, पूर्व वार्ड सदस्य मुनि लाल धीमान, बख्शी राम, नन्दलाल, किशोरी बलाल, प्रकाश चन्द, मनोहर लाल, अशोक कुमार ठाकुर और विजयपाल आदि ने बताया कि आगामी सरकार के आगे सबसे बड़ी चुनौती अावारा पशुओं, जंगली जानवरों, बंदरों से निजात दिलाने की रहेगी. हर विधानसभा में अथाह विकास हुआ है. लेकिन अावारा पशुओं, जंगली जानवरों वह बंदरों की समस्या से आज तक किसी भी विधायक किसी भी मंत्री ने कोई भी निपटारा नहीं करवाया और आज भी किसानों की हजारों बीघा उपजाऊ भूमि बंजर बन चुकी है.
आवारा पशुओं के लिए हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा हिमाचल प्रदेश की हर पंचायत में गौऊ सदन बनाने के आदेश जारी किए गइ थे. लेकिन इस आदेश को कोई भी पंचायत अमलीजामा पहनाने में नाकामयाब रही है. किसानों के द्वारा जो फसल बोई जाती हैं उस फसल को जंगली जानवर व आवारा पशुओं द्वारा चट कर दिया जाता हैं. किसानों ने नवनिर्वाचित सरकार से अनुरोध किया है कि अवारा पशुओं, जंगली जानवरों व बंदरों से निपटने के लिए कोई ठोस योजना बनाई जाए.