शिमला. अनुसूचित जाति के लोगों को अब अपने हितों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा. प्रदेश में एससी(SC) हितों की रक्षा अब हिमाचल में ही हो जाएगी. राज्य में अनुसूचित जाति आयोग ने कार्य शुरू कर दिया है. वर्तमान में देश के 11 राज्यों में एससी आयोग कार्य कर रहा है. जिसकी फेहरिस्त में हिमाचल भी शामिल हो गया है.
अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन अमित नंदा ने बताया कि आयोग ने बुधवार से कार्य शुरू कर दिया है. चेयरमैन के अतिरिक्त एक सदस्य सचिव और तीन सदस्यों की आयोग में तैनाती हुई है. तीन साल तक इनका कार्यकाल रहेगा. एससी हित से जुड़ा कोई मामला यदि आयोग के ध्यान में आएगा तो सुनवाई के जरिये इसे सुलझाया जाएगा. सुनवाई में कोरम पूरा करने के लिए 4 में से 3 सदस्यों का होना अनिवार्य है. कमीशन सालाना रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
अप्रैल 2016 में एससी आयोग गठित करने की अधिसूचना सरकार ने जारी की थी. जिसके बाद हाल ही में 25 सितम्बर को चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति हुई और आयोग चलाने के लिए बुधवार को सचिवालय में एक कमरा मिला है. जहां से आईजी ने कार्य शुरू कर दिया है.
राष्ट्रीय आयोग प्रदेश को भेजेगा शिकायतें
प्रदेश में आयोग द्वारा शुरू होने के चलते अब राष्ट्रीय आईजी हिमाचल आयोग को शिकायतें भेजेगा जो वहां दर्ज है. ऐसी शिकायतों की संख्या सैंकड़ों में है. आयोग के चेयरमैन ने कहा है कि प्रदेश के लोग अपने साथ हो रहे भेदभाव, पक्षपात, अत्याचार आदि से जुड़ी सभी शिकायतें प्रदेश आयोग में दर्ज करवाएं. कमीशन ने काम शुरू कर दिया है. शिकायतें जल्द पहुंचाने और इसे सरल करने के लिए जल्द ही टोल फ्री नम्बर, ईमेल भी जारी किये जाएंगे.
चेयरमैन – अमित नंदा
सदस्य- राजेन्द्र मोहन
सदस्य- संजीव कटौला
सदस्य- रंजन देवी
सदस्य सचिव – निदेशक, एससी, एसटी, ओबीसी एंड माइनॉरिटी