शिमला: हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सरकार का कार्यकाल कुछ ही दिनों में पूरा होने वाला है. अब महज़ 100 दिन शेष बचे है. इसी दौरान चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. ऐसे में सरकार से प्रदेश की जनता को बड़े तोहफे की उम्मीद है. राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह को मुख्यमंत्री के गृह शहर रामपुर बुशहर में आयोजित करने की जानकारी मिलते ही क्षेत्रवासियों के चेहरे खिल गए हैं.
दरअसल सभी को उम्मीद है कि कई वर्षों से चली आ रही, रामपुर बुशहर को जिला बनाने की मांग अब पूरी हो जाएगी. रामपुर बुशहर भौगोलिक दृष्टि से 4 जिलों का केंद्र स्थल है. यह जिला शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिलों के एक बड़े इलाके का मुख्य व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र है. स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यवसाय या फिर रोजगार हर स्थिति में लोग यहां एकत्र होते हैं.
इसके लिए इन क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि कई मौकों पर आवाज बुलंद कर चुके हैं. विधायकों ने मिलकर एक संयुक्त कमेटी बनाई और सरकार से तुरंत फैसला लेने की मांग की. जिला परिषद से लेकर अन्य संस्थाओं ने लगातार जिला बनाने की मांग को सीएम वीरभद्र सिंह के समक्ष रखा लेकिन उन्होने आर्थिक तंगी का हवाला देकर लोगों को चुप करा दिया.
इस स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को पूरी उम्मीद है कि उनके क्षेत्र के लोगों को भी आजादी मिलेगी और वो आजादी रामपुर को जिला बनाकर मिलेगी. ताकि उन्हे जिला मुख्यालय के लिए 200 किलोमीटर का सफर न तय करना पड़े.
कई और जगह को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं लोग
ऐसा नहीं कि सिर्फ रामपुर बुशहर को ही जिला बनाने की मांग की जा रही हो. अलबत्ता मंडी जिला के सुंदरनगर, राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के पालमपुर, नूरपुर, बैजनाथ और देहरा को भी जिला बनाने की पुरजोर मांग की जा रही है. इसके अलावा सोलन के बीबीएन क्षेत्र को भी अलग जिला बनाने की मांग जारी है.
इस बार, सीएम वीरभद्र सिंह से लोगों को पूरी उम्मीद है कि वे जनता को निराश नहीं करेंगे. जनभावनाओं का सम्मान करते हुए रामपुर बुशहर सहित राज्य में कुछ और ज़िलों के गठन का ऐलान वह यहां से ही करेंगे. गौरतलब है कि छोटे जिले न केवल विकास के लिए जरूरी है बल्कि रोजगार के लिहाज से भी युवाओं के लिए कारगर साबित होंगे.