नई दिल्ली. अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों को सोमवार को देश के परमवीरों, यानी परमवीर चक्र विजेताओं का नाम मिल गया. इनमें भारत-चीन जंग में पैर से मशीनगन चलाने वाले मेजर शैतान सिंह, कारगिल जंग के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा और मनोज कुमार पांडेय के नाम पर द्वीपों के नाम रखे गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रोग्राम से जुड़े. PM मोदी ने कहा- अंडमान की धरती पर ही सबसे पहले तिरंगा लहराया गया था. आजाद भारत की पहली सरकार यहीं बनी थी. आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस भी है. इस दिन को हम पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहे हैं.
परमवीरों के नाम द्वीप यानी एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संदेश- PM मोदी
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश की आजादी के लिए लड़ने वाले वीर सावरकर और कई अन्य सेनानी अंडमान की धरती पर आए. जब मैं 4-5 साल पहले यहां आया था, तब मैंने 3 मुख्य द्वीपों को भारतीय नाम दिए थे. 21 द्वीपों के नाम आज बदले गए हैं. इसमें कई संदेश छिपे हैं. सबसे बड़ा संदेश है एक भारत-श्रेष्ठ भारत. यह हमारी सेनाओं की बहादुरी का संदेश है. ’अंडमान में बहुत संभावनाएं हैं. 8 साल से हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं.
अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण इन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर…
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार सुबह दो दिन के दौरे पर अंडमान-निकोबार पहुंचे हैं. यहां उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के समारोह में भाग लिया.
रॉस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप किया था
2018 में PM अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की यात्रा पर थे. तब उन्होंने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया गया था. इसके साथ ही नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था.