शिमला: हिमाचल बागवानी विभाग इस बार बागवानों को 11 लाख से ज्यादा विभिन्न फलों के पौधे और रूट स्टॉक देगा. इनका वितरण आज से ही शुरू होगा. इनमें USA और इटली से इंपोर्ट किए तथा बागवानी विभाग द्वारा खुद तैयार किए गए पौधे शामिल हैं. इनकी कीमत 100 से 400 रुपए तय की गई है.
विश्व बैंक द्वारा वित्त-पोषित बागवानी विकास परियोजना के तहत लगभग 3 से 4 लाख (ग्राफ्टेड) पौधे और 7-8 लाख (सेब के क्लोनल रूट स्टॉक) बागवानों को दिए जाएंगे. क्लोनल रूट स्टॉक में मुख्यतः सेब, नाशपाती, आडू, पल्म, चेरी, खुर्मानी, अखरोट इत्यादि शामिल हैं.
‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर मिलेंगे पौधे
पौधों का वितरण ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगा. हालांकि वरीयता उन क्लस्टर बागवानों को दी जाएगी, जिन्होंने पहले ही अपने संबंधित विकास खंड अधिकारियों के समक्ष पौधों की मांग रखी हुई है एवं विश्व बैंक द्वारा उन्हें वित्त पोषित परियोजना में शामिल किया गया है. पौधे उपलब्ध होने पर क्लस्टर से बाहर के बागवानों को भी पौधे दिए जाएंगे. पौध सामग्री उचित पैकिंग के पश्चात बागवानों के घर-द्वार पर उपलब्ध करवाई जाएगी.
सेब की इन किस्मों के पौधे ले सकेंगे बागवान
सेब के (ग्राफ्टेड) पौध सामग्री की प्रमुख किस्में मुख्यतः जेरोमाइन, रेड वेलॉक्स, रेड कैप वाल्टोड, ओरेगन स्पर-2 सुपर चीफ, किंग रोट, ग्रैनी स्मिथ, शैलेट स्पर, स्कारलेट स्पर-2, चेलान स्पर, अर्ली रेड वन, डार्क बैरन गाला, रेड्लम गाला, गैलगाला, बकआई गाला, ब्रुक फील्ड गाला, गालावल व अन्य गाला, आविल अर्ली फूजी, रेड फूजी, सन फूजी, गिब्सन गोल्डन, गोल्डन, जिंजर गोल्ड आदि विभाग के पास उपलब्ध हैं.
अमेरिका की यह किस्में उपलब्ध
अमेरिका से आयतित सेब के क्लोनल रूट स्टॉक भी विभाग बागवानों को उपलब्ध कराएगा. इनमें मुख्यतः एम्ला-7, एम्ला-9, एम्ला-26, एम्ला-106, एम्ला- 111, एम.एम.-111, एम-9 टी337, पजाम-2, बड-9, बड-10, बड-118 इत्यादि पौधे शामिल हैं.