बिलासपुर(नैना देवी विधानसभा). सरकार बेशक राज्य में शिक्षा को लेकर तमाम दावे पेश करे लेकिन असलियत किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि बिलासपुर के नैना देवी में एक ऐसा स्कूल है जहां पिछले 2 साल से पूरा स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है. अब ग्राम पंचायत स्वाहण के स्कूल में केवल 15 विधार्थी ही बचे हैं.
सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के चलते शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. स्तर गिरने का सबसे बड़ा कारण सरकारी स्कूलों में स्टाफ का न होना है. ऐसा ही एक मामला जिला बिलासपुर के विधानसभा क्षेत्र नैना देवी की ग्राम पंचायत स्वाहण के राजकीय प्राथमिक स्कूल बागी में सामने आया है.
स्कूल में दो वर्ष से एक अध्यापक और एक वाटर कैरियर के अलावा कोई भी स्टाफ सदस्य नहीं है. स्कूल में बच्चों की संख्या घट कर 15 रह गई है. सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने को लेकर अक्सर बातें होती रहती हैं लेकिन ये स्कूल उन सभी दावों की पोल खोल रहे हैं.
स्टाफ की कमी के चलते बिलासपुर के शिक्षा उपनिदेशक व शिक्षा खंड अधिकारी को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन हर बार जल्द समस्या सुलझाने का आश्वासन ही मिलता है. अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हम कैसे बच्चों के बेहतर भविष्य की कल्पना कर सकते हैं?