मंडी. हारीघाटी के मुख्यालय बरोट में पंजाब विद्युत बोर्ड की 110 मेगावाट शानन परियोजना के रेजरबायर से ऊहल नदी में सिल्ट छोडने से बरोट से ऊहल नदी के 10 किलोमीटर लंबी नदी तक सैकड़ों छोटी-बड़ी ट्राउट मच्छलियां व ट्राउट के अंडे मर गए हैं. बरोट ट्राउट मच्छलियों के आखेट के लिए मशहूर है. गर्मियों में पर्यटक यहां मछलियों का आखेट करने आते हैं. मगर शान परियोजना प्रंबधन के इस गैर जिम्मेदार रवैये के कारण सैंकड़ों मछलियां बेमौत मारी गई. जिसको लेकर स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों में भारी रोष है. इस बारे में उपायुक्त मंडी को भी ज्ञापन दिया गया है.
जिला भाजपा के सचिव काहन सिंह, बरोट पंचायत प्रधान रंजना देवी, बरधान पंचायत प्रधान गंगी देवी, राम सिंह, रामदास, श्याम चंद उपप्रधान, बरोट ने कहा कि शानन परियोजना के अधिकारी रेजर बायर से डी सिल्टिंग चैनल से उहल नदी में सिल्ट डाल रहे हैं. जिससे सारी ट्राउट मछलियां मर गई हैं, जबकि आजकल ट्राउट मछलिया अंडे देती हैं. इस बारे में स्थानीय लोग और जन प्रतिनिधियों ने उपायुक्त मंडी को पंचायतों द्वारा लिखित प्रस्ताव दिया था कि रेजर वायर से सिल्ट उठाकर ऊहल नदी के बजाए किसी दूसरी जगह बाहर डंप की जाए. जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के साथ ऊहल नदी की ट्राउट भी बच जाएगी, जिससे गर्मियों में ऊहल नदी में पर्यटकों को ट्राउट मिल सकती है.
इधर, शनिवार को उपायुक्त के आदेश पर पधर एसडीएम आशीष शर्मा, एसई शानन प्रयोजना गुरमीत सिंह ने शिकायतकर्ता के साथ बरोट में आकर रेजर बायर का जायजा लिया. एसडीएम ने कहा कि इसकी सारी रिपोर्ट उपायुक्त मंडी को भेजी जा रही है. वहीं एसई गुरमीत सिंह ने कहा कि इस रेजर बायर का सिल्ट निकालने का कार्य 2005 में हुआ था. जिस तरह 2005 से पहले सिल्ट निकालने का कार्य होता था. आगे भी उसी प्रकार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 13 लाख के ई-टेंडर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा जा रहा है.