नई दिल्ली. दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवानी ने दलितों पर हुये हमलों के बाद प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाये हैं. दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को उनके शासन काल में दलितों पर हुये हमलों पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिये. उन्होंने कहा कि ऊना, सविरपुर सहित भीमा-कोरेगांव में दलितों पर हुये हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ भी नहीं बोला है.
मेवानी ने भीमा-कोरेगांव के बाद भड़की हिंसा के मामले में दर्ज एफआईआर पर कहा कि उन्होंने कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि वे न तो भीमा-कोरेगांव गये थे और न ही महाराष्ट्र बंद में ही शामिल हुये. उन्होंने कहा कि जब देश के चुने हुये दलित नेता को निशाना बनाया जा रहा है तो आम दलितों के साथ क्या हो रहा होगा?
उन्होंने कहा, “हम एक हाथ में मनुस्मृति और दूसरे हाथ में संविधान लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय पर खड़े हो जायेंगे और पीएम से किसी एक को चुनने को कहेंगे.” मेवानी ने आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रगतिशील छात्रों और अंबेडकरवादियों की बड़ी रैली करने की बात कही है.