सोलन. मंगलवार के दिन कुछ ऐसा घटा जिससे ये कहना ही पड़ेगा, कि जाको राखे साइयाँ, मार सके न कोय. दरअसल हुआ यूं कि दाडलाघाट में चालक जेसीबी मशीन से खुदाई कर रहा था. तभी मशीन पर काल बन कर 100 टन का पत्थर गिर गया. पत्थर गिरने से मशीन के परखच्चे उड़ गए और मशीन के मलवे के बीच, चालक की जान अटक गई.
जब इसकी सूचना प्रशासन को मिली, तो तुरंत पत्थर उठाने के लिए मशीने बुलाई गई. लेकिन वह मशीने केवल 90 टन तक का बोझ उठा सकती थी. फिर क्या था जिला प्रशासन ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए एनडीआरएफ को बुलाया और गैस कटर से मशीन को काटा गया. करीब 16 घंटों तक चालक मौत से संघर्ष करता रहा. एनडीआरएफ ने काफी मशक्कत के बाद उसे जिंदा निकाला.
जिला उपायुक्त राकेश कंवर ने घटना की जानकारी दी. उन्होंने ख़ुशी जाहिर करते हुए बताया कि, तकरीबन 16 घंटे तक चालक, मशीन और पत्थर के नीचे फंसा रहा. स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ टीम और स्थानीय लोगों की मदद से चालक को जिंदा निकाला गया. चालक अब बिलकुल ठीक है. जिसका अस्पताल में उपचार चल रहा है. उसे अब नई जिंदगी मिल गई है.
बता दें कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा एक पुलिस बल है. जिसका निर्माण ”डिज़ास्टर मैनेज़मेंट ऐक्ट 2005” के कानून के तहत किया गया है. प्रभावितों और हताहतों के लिए काम करना इनका मुख्य लक्ष्य है. भारत में आपदा प्रबंधन का मुखिया प्रधानमंत्री होता है.