शिमला. कालका-शिमला रेल ट्रैक पर रोमांचित करने वाली पहाड़ियों को निहारने के साथ ही अब सैलानी चलती ट्रेन में व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे. रेलवे बोर्ड पैनोरमिक (पारदर्शी) ‘मिनी वंदे भारत’ ट्रेन में रेस्टोरेंट की सुविधा देगा. कालका-शिमला रेल ट्रैक पर ऐसा पहली बार होगा कि किसी ट्रेन में रेस्टोरेंट भी मिलेगा.
इससे पहले नैरोगेज रेललाइन में पर्यटकों को केवल कैटरिंग के जरिये खाना मुहैया करवाया जाता है. यह सुविधा भी सिर्फ शिवालिक ट्रेन में ही मिलती है. अब आगामी दिनों में पैनोरमिक ट्रेन में पर्यटकों को ऑन बोर्ड पेंटरी की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए ट्रेन में अलग से कोच होगा.
रेलवे बोर्ड पर्यटकों को आरामदायक और सुरक्षित सफर करवाने के लिए इन दिनों पैनोरमिक ट्रेन को चलाने से पहले ट्रायल कर रहा है. इसमें सफलता मिलने के बाद सीट व अन्य चीजें शैल में लगाकर जांच होगी. पैनोरमिक कोच वर्तमान में चल रहे विस्ताडोम कोच से भी आधुनिक होंगे.
चारों तरफ घूमने वाली चेयर लगी होंगी
कोच की सीट 360 डिग्री पर घूमने वाली होगी. कोच की खिड़कियां और छत पूरी तरह से कांच के बने हैं. कोचों की खिड़कियां पारदर्शी हैं. इन कोचों में स्टील रेलिंग भी लगी है, जिससे यह और भी खूबसूरत दिखते हैं.
यात्रियों के लिए आरामदायक होगा सफर
विस्टाडोम कोच में बच्चों से लेकर बड़ों के लिए सफर आरामदायक होगा. क्योंकि, विस्टाडोम में लगाई गई सीटों के बीच काफी स्पेस होगा, ताकि यात्रियों को सफर के समय कोई परेशानी न हो. यात्री सीटों को चारों तरफ घुमा भी सकेंगे। ऐसे में यात्री एक ही दिशा में बैठने के लिए बाध्य नहीं होंगे.
दिव्यांगों के लिए भी होगी सुविधा
कोच में सामान्य यात्रियों के अलावा दिव्यांगों के लिए भी सुविधाएं होंगी, ताकि दिव्यांगों को व्हील चेयर से आने-जाने में कोई परेशानी न हो सके. दिव्यांगों के लिए डोर चौड़े होंगे, ताकि व्हील चेयर आसानी से आ सके. इसके अलावा कोच में पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम के अलावा वाईफाई होगा, ताकि लोग काम या मनोरंजन भी कर सकें. सेंसर सिस्टम से दरवाजे काम करेंगे.
28 की स्पीड में सफल ट्रायल
खाली शैल का 28 की स्पीड में भी सफल ट्रायल रहा है. वर्तमान में ट्रायल के दौरान अधिकारी इसे फुल स्पीड पर चला रहे हैं. पहले चरण में चार कोच दो एसी प्रीमियम, एक नॉन एसी व पावर एसी कोच तैयार होगा. प्रीमियम एसी कोच 12 सीटर होगा. एसी चेयरकार 24 सीटर होगी. नॉन एसी 30 सीटर होगा. पावर एसी कोच अन्य कोच को पावर देगा और उसमें सिर्फ गार्ड बैठेगा. फायर अलार्म भी कोच के अंदर होगा.
2019 में भी चलाई थी विस्टाडोम ट्रेन
उत्तर रेलवे ने 2019 में भी शिमला कालका हेरिटेज ट्रैक पर विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन चलाई थी. पर्यटकों में इस ट्रेन को लेकर काफी उत्साह रहा. रेलवे ने पुराने कोच को ही मोडिफाई किया था, लेकिन कोरोना काल के बाद से इसे बंद किया गया. अब नए आधुनिक कोच बनाए गए हैं. नए कोच का किराया भी अभी रेलवे की ओर से तय किया जाएगा.