जयपुर: राजस्थान की आईएएस ऑफिसर और हालिया जैसलमेर जिला कलक्टर टीना डाबी एक बार फिर चर्चा में हैं. खासतौर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तो बुधवार सुबह से उनके नाम को लेकर ऐसी चर्चा चली, कि वो ऑल इंडिया टॉप ट्रेंड खबरों की दौड़ में शामिल हो गईं.
दरअसल, जैसलमेर मुख्यालय के अमरसागर गांव क्षेत्र में यूआईटी ने मंगलवार को अतिक्रमणों पर पीला पंजा चलाया. पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी की मदद से हटाए गए कच्चे-पक्के कब्जों को हटाए जाने का वहां बसे पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवारों ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान से परेशान होकर अपने मूल निवास स्थान पर आए हैं, लेकिन अब उन्हें यहां भी बसने नहीं दिया जा रहा है.
पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अंजाम दिया गया. कार्रवाई के कुछ वीडियो फुटेज भी सामने आये जिसमें पाक से विस्थापित परिवारों के कब्जो को ध्वस्त किया जा रहा है. तेज धूप और भीषण गर्मी के बीच हुई इस कार्रवाई के दौरान विरोध भी हुआ लेकिन यूआईटी ने अपने मिशन को अंजाम देने का काम पूरा किया. इस बीच विस्थापित परिवार की महिलाएं और बच्चे भीषण गर्मी में सड़क पर आने को मजबूर हो गए. उनका रो-रोकर बुरा हाल रहा. सामान सड़क पर बिखरा रहा और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था.
डाबी के ‘एक्शन’ का हो रहा विरोध
जैसलमेर में पाक विस्थापित हिन्दू परिवारों के कब्ज़ों पर पीला पंजा चलाने का मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बना हुआ है. यूजर्स का एक बड़ा तबका इस कार्रवाई के साथ ही कलक्टर की कार्यशैली के विरोध में उतर खड़ा है. यही वजह है कि ये चर्चा टॉप ट्रेंड में दिखने लगी. मामले को लेकर पाक विस्थापितों ने जिला कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.
गलत तरीके से हो रहा प्रचार
जैसलमेर कलक्टर टीना डाबी ने प्रेस से खास बातचीत में कहा कि जैसलमेर में अतिक्रमणों पर हुई कार्रवाई को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है. वास्तविकता ये है कि कुछ लोग सरकार की बेशकीमती जमीन पर काफी समय से अवैध रूप से कब्जा किए बैठे थे, जिन्हें जगह खाली करने को लेकर कई बार आग्रह किया गया था. लेकिन उसके बाद भी कब्जा जमाये रखने पर यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की.
सरकारी आश्रम में रहने की व्यवस्था
कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि सरकारी भूमि से हटाए गए विस्थापितों से आज शांतिपूर्ण और सुखद माहौल में वार्ता हुई है. विस्थापित परिवारों को सरकारी आश्रम में रहने की व्यवस्था की गई है.