धर्मशाला. धर्मशाला स्थित निजी शुक्ला अस्पताल में प्रसव के बाद हुई मौत की जांच को लेकर प्रशासन और अस्पताल प्रशासन की लेट लतीफी सामने आई है. गौरतलब है कि इस मामले की जांच को लेकर जिलाधीश कांगड़ा को दाडनू वासियों ने मृतिका के भाई ऋषि ने 4 लोगों के साथ मिलकर 8 फरवरी को ज्ञापन दिया था और जिलाधीश कांगड़ा ने इस मामले की जांच के लिए सीएमओ कांगड़ा को जांच के निर्देश जारी किए थे.
एक सप्ताह बीत जाने के बाबजूद भी इस मामले में कोई कार्रवाई ना होने के चलते शनिवार को फिर से मृतका के भाई ने गांववासियों के साथ जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार से भेट कर मामले की उचित जांच करने की मांग उठाई और जिलाधीश ने सीएमओ को जल्द मामले में कारवाई करने के निर्देश जारी किए है. जांच से असंतुष्ट मृतिका के भाई ने मीडिया से बातचीत करते हुए प्रशासन को चेताया है कि अगर अस्पताल के खिलाफ 48 घंटों के भीतर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह जिलाधीश कार्यालय के बहार अपनी जान दे देगा. जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.
ऋषि ने कहा कि जिस अस्पताल में उसकी बहन की मौत हुई वहां न तो आईसीयू है और न ही वेंटिलेटर की सुविधा है. उन्होंने कहा कि धर्मशाला अस्पताल की जिस डॉक्टर को इस मामले की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है उन्हें उस डॉक्टर पर भरोसा नहीं है और कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
इस मामले को लेकर शुक्ला अस्पताल की मुख्य डॉक्टर प्रेम लता शुकला ने सफाई देते हुए कहा कि डॉक्टरों ने जिस महिला की मौत होने की बात उनके अस्पताल में होने की कर रहे है उसकी मौत उनके अस्पताल में नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि डेढ़ दिन मृतिका उनके अस्पताल में प्रसव के बाद रही और जब उनकी तबीयत खराब होने लगी तब उन्होंने उसे टाण्डा रेफर किया. उसका ऑपरेशन सभी टेस्ट करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने किया और जितना वह कर सकते थे उन्होंने किया.