नई दिल्ली. नया साल आने वाला है, जिसकी तैयारियों में हम और आप जुट गए हैं. लेकिन 2017 को अलविदा कहने से पहले हमें थोड़ा पीछे मुड़ कर देखना चाहिये कि इस वर्ष कब-कब आतंकियों ने दहशत का माहौल बनाया. कितने ही जाबांजों ने अपने जान की कुर्बानी देकर हमारी रक्षा की. इस साल नक्सलवाद, आतंकवाद या किसी हादसे की वजह से हमारे जवानों ने हमें हमेशा के लिए अलविदा कहा.
अलविदा 2017 : सालभर भारतीय सैनिक आतंकवाद और नक्सलवाद से लोहा लेते रहे
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