शिमला. हिमाचल में करोड़ों के स्क्रैप कारोबार को स्ट्रीमलाइन करने के लिए प्रदेश सरकार जल्द स्क्रैप पॉलिसी लाने जा रही है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के दौरे के दौरान इसका खुलासा किया है. प्रदेश सरकार ने यह कदम अव्यवस्थित ढंग से चल रहे करोड़ो के कबाड़ के कारोबार को व्यवस्थित करने के मकसद से उठाया है.
सरकार जल्द लाएगी स्क्रैप पॉलिसी
सरकार का प्रयास औद्योगिक क्षेत्रों में अव्यवस्थित ढंग से चल रहे औद्योगिक कबाड़ के कारोबार को पटरी पर लाना है. उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक कस्बे बीबीएन, पावंटा साहिब, कालाअंब, परवाणू व ऊना के उद्योगों से सालाना करोड़ों का स्क्रैप निकलता है, जिसके कांट्रेक्ट के लिए स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी राज्यों के स्क्रैप के ठेकेदारों के बीच जमकर खींचतान होती है वही उद्यमियों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है.
सता पक्ष व विपक्ष के लोगों में औद्योगिक क्षेत्रों में इस काम के लिए टकराव भी आम है. आलम यह है कि प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बाहरी राज्यों के स्क्रैप डीलर अपने प्रभाव से उद्योगों से स्क्रैप का हर महीनें करोड़ों का कारोबार करते है, उद्योगों से लोहा, गता, ड्रम सहित अन्य सामग्री स्क्रैप के तौर पर टनों के हिसाब से रोजाना निकलती है.
हालांकि अभी तक इसका किसी भी सरकारी विभाग के पास पूरा ब्यौरा नहीं है कि आखिर उद्योगों से कितना स्क्रैप निकलता है और कितने स्क्रैप डीलर इसे उठा रहे है. आम चर्चा रहती है कि असल में कबाड़ के इस कारोबार से स्क्रैप डीलर करोड़ो कूट रहे है लेकिन सरकार को राजस्व के नाम पर कुछ नही पहुंच रहा. बहरहाल उद्योग मंत्री के इस ऐलान के बाद औद्योगिक क्षेत्रों में स्क्रैप के इस अव्यवस्थित कारोबार के व्यवस्थित होने व निगरानी बढ़ने की उम्मीद जरूर जगी है.