शिमला: दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सभी कांग्रेस शासित राज्यों में जाति आधारित गणना करवाने का प्रस्ताव पारित किया गया. हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में यहां भी जाति आधारित गणना होनी है.
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा, ‘हिमाचल में सभी को जातियों का पता है. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. जो फॉर्मेलिटी है, वह कर रहे हैं. हिमाचल में तो वैसे भी सब लोगों को पता होता है.’
उद्योग मंत्री का भाजपा पर निशाना
वहीं, हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जाति आधारित गणना के बहाने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ है. बिहार राज्य से जाति और आधारित गणना की शुरुआत हो चुकी है.
जाति आधारित गणना से किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके जरिए हर वर्ग के लोगों तक लाभ पहुंचाने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा तो हमेशा से ही लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटती है. इसी आधार पर भाजपा को सत्ता भी मिली है.
जाति आधारित जनगणना करवाना राज्य का अधिकार- हर्षवर्धन चौहान
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. छह महीने में लोकसभा चुनाव आने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी चाहे कोर्ट जाए या कुछ अन्य रास्ता अख्तियार करे. इससे कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि यह राज्य का अधिकार है और राज्य जाति आधारित गणना करवाएगी.
उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ और सिर्फ जनता को लॉलीपॉप देने का काम कर रही है. हाल ही में संसद के विशेष सत्र के दौरान महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण से जुड़ा बिल लाया गया, लेकिन उसे भी साल 2024 से नहीं बल्कि साल 2019 से लागू करने की बात हो रही है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा की ओर से छोड़ा गया चुनावी शगुफा है.