नई दिल्ली. आयरन लेडी इरोम शर्मिला और डेसमंड कुटिन्हो परिणय-सूत्र में बंध गये हैं. डेसमंड कुटिन्हो लंबे समय से इरोम के दोस्त रहे हैं और वे ब्रिटेन से हैं. शादी के बाद नवदंपति कोडईकनाल पर्वतीय क्षेत्र में रहेंगे और आदिवासियों के हक के लिए काम करेंगे. शादी के बाद इरोम ने कहा कि कोडईकनाल एक शांतिपूर्ण स्थान है और शांति के लिये उनकी तलाश यहां आकर खत्म हो गयी है. कोडईकनाल, तमिलनाडु के डिनडिगुल जिले का पर्वतीय शहर है.
इरोम शर्मिला ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत दोबारा शादी की है. पहले उन्होने हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत शादी की थी. धर्म अलग-अलग होने की वजह से दोनों ने विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत सब रजिस्ट्रार राधाकृष्णन के सामने शादी की. शादी में इरोम और देसमंड के परिवार के सदस्य शामिल नहीं हुए.
12 जुलाई को दंपति ने शादी के लिए आवेदन दिया था. उनकी शादी के आवेदन पर एक स्थानीय कार्यकर्ता वी महेन्द्रन ने आपत्ति दर्ज करायी थी, जिसे सब रजिस्ट्रार ने खारिज कर दिया. शादी को स्वीकृति देने के लिए ‘पलानी मलाई पुलैया’ और ‘पालियार’ समुदाय के दो आदिवासी समूहों ने रजिस्ट्रार को ज्ञापन भी दिया था.
मालूम हो कि, 44 वर्षीय इरोम ने चार नवम्बर 2000 को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु किया था. वे मणिपुर से ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिकार अधिनियम’ (AFSPA)हटाने की मांग कर रही थी. लगातार 16 साल तक उपवास करने के बाद इरोम ने पिछले साल अगस्त में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी. इसी साल उन्होने लोक पीपुल्स टीसर्जेंस एंड जस्टिस अलाइंस के बैनर तले मणिपुर का विधानसभा चुनाव लड़ा था. चुनाव में उनकी भारी हार हुई. इरोम को सिर्फ 90 वोट ही मिल पाये थे.