नई दिल्ली. शरद यादव आज से बिहार दौरे पर रहे हैं. इस दौरान वे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और उनके ‘मूड’ को भांपने की कोशिश करेंगे. जदयू ने शरद के इस दौरे से खुद को अलग रखा है. शरद यादव के इस दौरे को जदयू से उनके अलग होने और पार्टी के टूटने की औपचारिक शुरूआत की तरह देखा जा रहा है. जिसकी अंतिम परिणती शरद यादव के 17 जुलाई को दिल्ली में होने वाली रैली में देखने को मिल सकता है.
शरद इससे पहले भी महागठबंधन टूटने को जनता का विश्वास टूटना बता चुके हैं. हाल में उन्होने इसको लेकर कई बयानों में अपनी नाराजगी जतायी है. मंगलवार को राज्यसभा में शरद यादव ने नये नोटों के अलग-अलग आकार को लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार पर हल्ला बोला. वे हाथोंं में नोट लेकर कांग्रेस के साथ प्रदर्शन करते हुए नजर आये. बावजूद जदयू ने खुद को कांग्रेस से किनारा करते हुए भाजपा का दामन थाम चुका है.
बिहार में लिया गया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण हैं, जनादेश इसके लिए नहीं था: शरद https://t.co/tRlLKMaakZ @SharadYadavMP @laluprasadrjd @NitishKumar
— द वायर हिंदी (@thewirehindi) July 31, 2017
एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में महागठबंधन टूटने पर अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होने कहा कि महागठबंधन जनता के साथ एक बड़ा करार था और इसके टूटने से जनता का विश्वास टूटा है. गठबंधन एक तरह से जनता के साथ एक बड़ा करार था. वो टूटा है. मैं जनता के पास जाऊंगा. गठबंधन टूटने से जनता का विश्वास भी टूटा है. इसी संदर्भ में मैं जनता से बातचीत करुंगा, राह देखूंगा रास्ता वहीं से खोजूंगा.
आज जनता से सीधा संवाद ३ दिवासिये कार्यक्रम के तहत सड़क मार्ग द्वारा मे आपके बीच रहूंगा। #जनहितअभियान#बिहार pic.twitter.com/T5McbRqjCx
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) August 10, 2017
शरद यादव अपनी यात्रा के दौरान पटना, छपरा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा और मधेपुरा के लोगों से बातचीत करेंगे. अब अगला फैसला 17 अगस्त की रैली में सुनने को मिल सकता है.