चेन्नई के करीब श्रीहरिकोटा से शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर पीएसएलवी-38 ने 31 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए उड़ान भरी. यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 40 वीं सफल ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सफल प्रक्षेपन के लिए ट्वीट करके बधाई दी है.
कोर्टेसेट श्रृंखला के इस उपग्रह का वजन 712 किलोग्राम है. इससे पृथ्वी पर बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है. इससे सेना को भी फायदा मिलेगा. इसके साथ ही इसरो अंतरिक्ष के अपने संपत्तियों की रक्षा करने में समर्थ हो जाएगा.
पीएसएलवी ने दूरसंवेदी उपग्रह कार्टोसेट-2 उपग्रह के साथ अन्य 30 नैनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा. इनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह शामिल हैं. इसके साथ ही 15 किलोग्राम वजनी भारतीय नैनों सैटेलाइट को लांच किया गया. यह उपग्रह कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान करेगा. इसका विकास एनआईयूएसएटी तमिलनाडु की नोरल इस्लाम यूनिवर्सिटी ने किया है.