नई दिल्ली. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छेड़-छाड़ के विरोध में छात्राओं के प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी सफाई दी है. प्रशासन ने कहा है कि विवि को बदनाम करने की कोशिश होती रही है, छात्राओं का प्रदर्शन भी उसी का हिस्सा है. अपने बयान में विवि प्रशासन के द्वारा कहा गया है कि भोली-भाली छात्राओं को मोहरा बनाया जा रहा है.
कुलपति से आश्वासन चाहती हैं छात्राएं
छात्राएं शुक्रवार की सुबह से ही विवि गेट पर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं. छात्राओंं की मांग है कि जबतक कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी खुद छेड़-छाड़ रोकने के लिए आश्वासन नहीं दे देते वे धरना स्थल पर बनी रहेंगी. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि पूरे मामले से कुलपति को अवगत करवा दिया गया है. समिति विचार के बाद उचित कार्यवाही करेगी.
पूरा मामला क्या है?
पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि गुरुवार की शाम विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ बाइक सवार ने छेड-छाड़ की थी. विरोध में चिल्लाने के बावजूद चंद दूरी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने मदद नहीं की. इसके बाद उक्त छात्रा ने इस घटना के बारे में अपने साथियों को बताया. आक्रोशित छात्राएं जब इसकी शिकायत लेकर विवि प्रशासन के पास गयीं तो प्रशासन के द्वारा कहा गया कि वे इस मामले में राजनीति कर रही हैं. उल्टे विवि प्रशासन के द्वारा सवाल उठाया गया कि शाम 6 बजे क्यों बाहर घूमने गयी.
छेड़-छाड़ के विरोध में एक छात्रा के द्वारा बाल मुंडवाने के मामले की खबर का खंडन करते हुए फेसबुक पोस्ट के हवाले से विवि के द्वारा कहा गया है कि छात्रा के द्वारा पिछले साल ही शौकिया बाल मुंडवाया गया था.
छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाए
छात्राओं की मांग है कि सभी जगहों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाये और छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाए. आंदोलनरत छात्राएं चाहती हैं कि अंधेरी जगहों पर उचित प्रकाश की व्यवस्था की जाए. छात्राएं चाहती हैं कि छात्रावास में आने जाने के लिए ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ को खत्म किया जाए. बीएचयू में GSCASH संस्थाएं बनाई जाएं.
छात्राएं यह भी चाहती हैं कि हॉस्टल में उनके साथ लौंगिक भेदभाव न किया जाए और उन्हें भी लड़कों की तरह ही आहार दिया जाये. छात्राओं का आरोप है कि लड़के हास्टलों पर पत्थर फेंकते हैं और अश्लील हरकतें करते हैं.