शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. प्रदेश की राजधानी में स्थित मेडिकल कॉलेज में ही एमआरआई के लिए दो महीने बाद की तारीख मिल रही है. छोटी-मोटी जांच के लिए लोगों को एक हफ्ते तक इंतजार करना पड़ रहा है.
अस्पतालों में टेस्ट को मिल रही लंबी तारीखें
जब तक जांच की रिपोर्ट नहीं आती, तब तक डॉक्टर दवा नहीं लिख सकता है. प्रदेश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं और जांच न हो पाने की वजह से बिना दवाई के वापस लौट रहे हैं. दूसरी बार आने में मरीजों का समय और पैसा दोनों खर्च हो रहा है, समय से इलाज न मिलने से स्वास्थ्य का जोखिम अलग है.
ऐसी व्यवस्था परिवर्तन की नहीं थी उम्मीद
ठाकुर ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था परिवर्तन की उम्मीद प्रदेश के लोगों को सरकार से नहीं थी. उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि मरीजों को अस्पताल में सभी जांचों की सुविधा मिलेगी, लेकिन हालत यह है कि दो-दो महीने बाद जांच की तारीख मिल रही है. यह हाल सिर्फ एमआरआई के लिए नहीं है, सीटी-स्कैन से लेकर सामान्य पैथोलॉजी की जांच के लिए भी लोगों को महीना बाद की तारीखें दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में जो व्यवस्था हमने बना रखी थी वर्तमान सरकार उसे भी नहीं संभाल नहीं पा रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े इसके लिए हमने आयुष्मान योजना के दायरे में न आने वाले लोगों के लिए हिमकेयर योजना की शुरुआत की. प्रदेश के साढ़े तीन लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुनिश्चित करें कि लोगों को इलाज में कठिनाई न आए.
बिना ऑक्सीजन मौत कैसे
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि तीन दिन पहले नाहन मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने से एक महिला की मौत हो गई थी. ऑक्सीजन खत्म होने से किसी की मौत हो जाना प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक है. कोरोना के समय प्रदेश में मात्र एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट था, पूर्व सरकार में हमनें 47 नए पीएसए प्लांट लगवाए.
ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या 120 से बढ़ाकर 3069 की वेंटिलेटर के मात्र 32 बिस्तर थे, हमने बढ़ाकर 1014 किए. इसके बाद भी प्रदेश में इस तरह की घटना बहुत चिंताजनक है.