शिमला: सूबे के सरकारी स्कूलों में जेबीटी शिक्षकों की बैचवाइज नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. सोमवार को जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षुओं से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने तक नियुक्तियां नहीं करेंगे.
जिला शिमला और कुल्लू जिला में अपात्रों के चयन को लेकर भी मुख्यमंत्री ने गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं. बीएड वालों को जेबीटी भर्ती में शामिल नहीं करने की मांग को लेकर रविवार रात भर सचिवालय के बाहर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रशिक्षु डटे रहे. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रशिक्षुओं ने भूख हड़ताल को समाप्त किया. प्रशिक्षुओं ने प्रदेश में जेबीटी की सीधी भर्ती को जल्द शुरू करने की मांग भी उठाई है.
स्कूलों में कार्यरत व्यवसायिक शिक्षक पहुंचे सचिवालय
रविवार को जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षुओं ने शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था. उसके बाद शाम को प्रशिक्षु राज्य सचिवालय के समीप छोटा शिमला बस स्टॉप पर धरने पर बैठ गए. मुख्यमंत्री से मुलाकात के इंतजार में प्रशिक्षुओं ने रात भी यहीं गुजारी. सोमवार सुबह प्रशिक्षुओं ने भूख हड़ताल पर बैठने का एलान किया.
CM से स्थाई नीति की मांग
सोमवार दोपहर बाद प्रशिक्षुओं की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई. प्रशिक्षु संघ के अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने मुख्यमंत्री को बताया कि जेबीटी भर्ती में बीएड करने वालों को भी शामिल करने से उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है. बीएड करने वाले टीजीटी और पीजीटी के पद के लिए योग्य हैं.
जेबीटी करने वाले इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर सकते. ऐसे में बीएड वालों को जेबीटी भर्ती में शामिल नहीं किया जाए. मोहित ठाकुर ने बीते दिनों जिला कुल्लू और शिमला में हुई जेबीटी की बैचवाइज भर्ती में अपात्रों को चयनित करने का भी विरोध किया.