रांची: झारखंड में जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जवाब ईडी दफ्तर पहुंच गया है. सीएमओ कर्मचारी बंद लिफाफे को लेकर ईडी कार्यालय पहुंचे. रांची में जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने बीते 29 दिसंबर को सीएम सोरेन को सातवीं बार समन भेजा था.
एजेंसी ने इसे आखिरी समन बताते हुए उन्हें सात दिनों के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा था. सीएम को भेजे गए पत्र में ईडी ने कहा था कि वे दो दिनों के अंदर यानी 31 दिसंबर तक ऐसी जगह तय करके सूचित करें, जहां उनका बयान दर्ज किया जा सके.
इस बीच झारखंड में इन दिनों राजनीतिक पारा हाई है. ईडी की ओर से सीएम सोरेन को सातवां समन मिलने के बाद उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद बीजेपी के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था, “हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन होंगी.”
‘झारखंड के लुटेरों की मंशा को रोकना चाहिए’
निशिकांत दुबे ने मंगलवार को भी एक्स पर दो पोस्ट किए, जिसमें लिखा, “सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट एसआर चौधरी बनाम पंजाब राज्य के अनुसार यदि 6 महीने के अंदर कल्पना सोरेन विधायक नहीं बनती हैं तो वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले सकती हैं और काटोल विधानसभा के लिए मुबंई हाईकोर्ट के जजमेंट के अनुसार अब गांडेय या झारखंड के किसी भी विधानसभा का चुनाव नहीं हो सकता. राज्यपाल महोदय को भारत निर्वाचन आयोग और कानूनी राय लेकर झारखंड के लुटेरों की मंशा को रोकना चाहिए, यही प्रार्थना है.”
इससे पहले किए एक पोस्ट में बीजेपी सांसद ने लिखा, “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन परेशान, उनके सचिव चौबे से लेकर महाधिवक्ता मिश्रा गांडेय उपचुनाव कराने के लिए परेशान, विधायक दल की बैठक कल, राज्यपाल के पास अपना इस्तीफा और कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता बनाने वाला पत्र राज्यपाल महोदय को एक साथ देने की तैयारी. झारखंड के राज्यपाल से विनम्र निवेदन है कि कानूनी सलाह के बाद ही निर्णय लें.”