रांची. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्राथमिक स्कूलों के विलय का विरोध किया है. पार्टी ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि राज्य सरकार झारखण्ड के मूलवासी-आदिवासियों को समूल विनाश करने के लिए तत्पर हो उठी है.
झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “प्रारम्भिक शिक्षा से संबंधित विद्यालयों का पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है. देश की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी परियोजना सर्वशिक्षा अभियान को ध्वस्त करने के उद्देश्य से ही राज्य के लगभग दस हजार प्राथमिक विद्यालयों का अस्तित्व ही समाप्त कर देने की योजना है. प्रत्येक गाँव के प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर पंचायत में मात्र एक प्राथमिक विद्यालय की स्थापना और संचालन सरकार ने इस उद्देश्य से लिया है कि मूलवासी-आदिवासियों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित किया जाय एवं विषम भौगोलिक क्षेत्रफल के कारण ग्रामीण बच्चे नियमित स्कूल न जा पाये.”
उन्होंने कहा, “वर्तमान समय में जो विलय और पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है उससे ग्रामीण क्षेत्रों में एक नकारात्मक संदेश का संचार हुआ है. 50-60 साल पुराने विद्यालयों को भी विलय करने का कार्य किया जा रहा है, जिससे संबंधित गाँव के ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीण/अभिभावक एवं राज्य के शिक्षाविद् सरकार के इस प्रयास से अत्यन्त चिन्तित एवं आतंकित हैं.”
राज्य सरकार के इस कृत्य के कारण न केवल यहाँ के पढ़े-लिखे मूलवासी-आदिवासी प्राथमिक शिक्षक और पारा शिक्षक अपनी रोजी-रोटी से हाथ धो बैठेंगे. वहीं दूसरी ओर सबका साथ-सबका विकास का सरकारी मुखौटा भी उतर जाएगा.