जोगिंद्रनगर (मंडी). चुनाव की आहट से बे-खबर जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता आज भी अपनी खेती-बाड़ी के काम में जुटी हुई है. जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र का लगभग 80 प्रतिशत भाग ग्रामीण है तथा यहां पर लोगों का जीवन-यापन खेती-बाड़ी पर ही निर्भर है.
हालांकि इलाके में जंगली जानवरों का भारी प्रकोप है. जंगली जानवर फसलों को बरबाद कर देते हैं. वहीं कई बार किसानों को मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है. किसानों ने मुआवजे की मांग की लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी.
शायद यही वजह है कि गांव का किसान चुनाव की ओर ज्यादा ध्यान न दे कर अपनी रोजी-रोटी की ओर ज्यादा ध्यान देता है. फसल तैयार होने के बाद किसान उसे समेटने में लगे हैं.
महिलाओं का कहना है कि उन्हें मालूम है कि अब चुनाव नजदीक आ रहे हैं. लेकिन, अपनी रोजी-रोटी के लिए उन्हें पहले अपने घर का काम-काज निपटाना जरूरी है. यदि वे ऐसा नहीं करेंगे तो पूरा साल क्या खाएंगे और अपने बच्चों, परिवार को क्या खिलाएंगे.
एक महिला किसान ने बताया कि जमीन में उन्होंने चार क्वींटल धान बोया था. लेकिन, बदले मौसम के मिजाज और जंगली जानवर तथा अावारा पशुओं ने उनकी फसल को उजाड़ दिया है. उपज बोए गए बीज से भी कम है. उन्होंने कहा कि इसी के चलते उनके रिश्तेदारों ने अपने पुर्वजों के काम खेती-बाड़ी करना बंद कर दिया है.