शिमला. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान को एक बार फिर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. राज्य सरकार के विधि विभाग ने बुधवार को इस बारे अधिसूचना जारी की. इसके अनुसार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से राज्यपाल ने जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की नियुक्ति तुरंत प्रभाव से की है.
सरकार के विधि विभाग ने जारी की अधिसूचना
वे बिजली बोर्ड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के कानूनी सलाहकार भी रहे हैं. इन्होंने बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों आदि सहित विभिन्न विभागों के मामलों की पैरवी की है. इन्हें पन विद्युत परियोजनाओं, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति तैयार करने से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी करने के लिए हाईकोर्ट ने तैनात किया.
23 फरवरी, 2014 को हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के बाद 30 नवंबर, 2014 को हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए और आज तक के कार्यकाल के दौरान इन्होंने 62261 मामलों का निपटारा कर दिया, जिनमें कई अहम व ऐतिहासिक निर्णय भी सुनाए. उन्होंने 5 मई, 2014 से हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल-बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य, पुनर्वसन शिमला, हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया.
विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी, 2020 से 23 फरवरी, 2020 तक ‘न्यायपालिका और बदलती दुनिया’ विषय पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वह तीन उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे. 13 से 17 मई, 2019 तक रोमानिया में आयोजित ‘बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार’ पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अंतरराष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे. वह हाई कोर्ट से ऐसे पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में आयोजित किसी ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया है.