कांगड़ा(बैजनाथ). भंगाल घाटी की समस्याओं के बारे में युवा मंडल के मुख्य सलाहकार मुंशी राम पत्रकार से बात की. उन्होंने बताया कि कांगड़ा की ऐसी दुर्गम घाटी है जहां पर आज तक विधानसभा प्रत्याशी या लोकसभा का प्रत्याशी वोट मांगने नहीं जाते हैं और ना ही जीतने के बाद विकास की बात करते है फिर भी बड़ा भंगाल की जागरूक जनता ने विधानसभा चुनाव में 99 में प्रतिशत मतदान किया है.
मुंशी राम ने कहा कि बड़ा भंगाल के लोग आज भी गुलामी जैसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं. वहां के लोगों को कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं है.
गांव की आबादी 1000 के आसपास है फिर भी गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं, जिस कारण लोगों को आने-जाने में 70 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है. गांव में समय में खाद्य सामग्री नहीं पहुंचाई जाती जिस कारण लोगों को भुखमरी का डर सताने लगता है.
गांव में आजादी के 70 साल बीत जाने पर भी बिजली का नामोनिशान नहीं है. शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा की सुविधा से भी गांव वंचित है. जिस कारण लोग अपने बच्चों को उचित और संतोषजनक शिक्षा नहीं दिलवा पाते.
बड़ा भंगाल के लोगों की मांग है कि बड़ा भंगाल को सड़क मार्ग से जोड़ा जाए ताकि घाटी के लोग आजादी का जीवन व्यतीत कर सकें.