जम्मू –कश्मीर को लेकर लम्बे समय से चले आ रहे तनाव के बीच के डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने अमेरिका और चीन के मध्यस्थता करने की बात कही है. इसका जवाब देते हुए जम्मू –कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि तीसरे पक्ष कि शामिल करने की कोई जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका इस मामले में दखल देता है तो यहाँ के हालात अफगानिस्तान और सीरिया जैसे हो जाएंगे. उन्होंने से कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ मिलकर बात करनी चाहिए.
अनंतनाग जिले में एक अस्पताल के उद्घाटन के दौरान यह बातें कही. इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि चीन और अमेरिका से हमें अपने काम से मतलब रखना चाहिए औए जिन देशों में उन्होंने दखल दिया है आज उनके क्या हालात है यह किसी से छुपा नहीं है.
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारीवाजपेयी जी ने लाहौर में कहा था कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान को वार्ता करते रहना चाहिए. हमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अनुसरण करते हुए शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र को आगे बढ़ाना चाहिए.
भारत-पाकिस्तान को आपसी विवादों को सुलझाने दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सम्मान करना होगा. सीमापर हर रोज दोनों तरफ के जवान शहीद हो रहे हैं. इसको रोकने के लिए कोई हल निकलना जरुरी है और इसका समाधान तभी होगा जब दोनों देश समझौते का पालन करेंगे.