शिमला. कोटखाई गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. सीबीआई ने इस मामले में आईजी को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा डीएसपी मनोज जोशी को भी गिरफ्तार किया गया है.
इन सभी पर गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड के असली आरोपियों को बचाने का आरोप है. सीबीआई की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. इस मामले में अभी कई और खुलासे हो सकते हैं. कोटखाई गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड में पहले कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में इन्हें छोड़ दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें से एक आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या कर दी गई थी.
गौरतलब है कि शुरू से ही पुलिस की जांच के तरीकों पर अंगुलियां उठ रही थी. ऐसे में सीबीआई द्वारा पुलिस के बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी ने साफ कर दिया कि SIT की जांच में बड़ी गड़बड़ हुई है. बता दें कि गुड़िया मामले में सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. आईजी जैदी को एसआईटी की कमान सौंपी गई थी.
हाईकोर्ट ने दिए थे सीबीआई जांच के आदेश
एसआईटी ने मामले की जांच करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था गिरफ्तारी के बाद डीजीपी पुलिस सोमेश गोयल व एसआईटी प्रमुख ने शिमला में पत्रकार वार्ता में इस मामले का पर्दाफाश किया था. हालांकि एसआईटी की जांच में कई ऐसे पहलू थे जिस पर लोग शक कर रहे थे. मामले में लीपा-पोती होते देख लोगों ने हिमाचल में जगह-जगह प्रदर्शन किये.
इसी दौरान कोटखाई थाना में मामले के एक आरोपी की लॉकअप में मौत हो गई. इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और थाने को आग के हवाले कर दिया. लोगों का आक्रोश व बिगड़ते हालातों को देखते हुए सरकार को इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करनी पड़ी. बाद में इस मामले में प्रदेश सरकार हाईकोर्ट भी पहुंची और मामले की जांच करवाने की मांग उठाई. इस पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को एसआईटी गठित कर मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. इसके बाद सीबीआई ने मामले की छान-बीन शुरू कर दी थी.