कुल्लू. रोहतांग दर्रे पर भारी बर्फबारी से लाहौल शेष विश्व से कट गया है. हड्डी गलाने वाली सर्दी को देखते हुए लाहौल वासी अब अपने घरों में कैद हो गए हैं. जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही लाहौल को जोड़ने वाले रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया था. अब हवाई सेवा ही लहौल के लोगों का एकमात्र सहारा है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पहले ही साफ कर दिया है कि अब वह रोहतांग दर्रे को वाहनों के लिए बहाल नहीं करेंगे. ऐसे में अब रोहतांग में वाहनों की आवाजाही अगले साल ही शुरू हो सकेगी.
रोहतांग सुरंग के दोनों छोर जुड़ने से जगी उम्मीद
रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए बंद हो गया है लेकिन 31 दिसंबर तक दर्रा पैदल राहगीरों के लिए खुला रहेगा. रोहतांग दर्रे में बर्फ अधिक पड़ने से रेस्क्यू पोस्ट कोकसर और मढ़ी 31 दिसंबर तक अपनी सेवाएं देगी. रोहतांग सुरंग के दोनों छोर जुड़ने से भी लोगों को आपात स्थिति में आर-पार होने की उम्मीद जगी है लेकिन ये सब बीआरओ पर ही निर्भर रहेगा.
प्रशासन परिस्थितियों पर नजर रखे हुए
बीआरओ के कमांडर कर्नल ए.के. अवस्थी ने बताया कि अब अगले साल मार्च में ही मनाली-लेह मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू किया जाएगा. बीआरओ सर्दियों में लहौल घाटी की मुख्य सड़कों को बहाल रखने का हर संभव प्रयास करेगा. एसडीएम केलंग के राणा ने बताया कि बर्फबारी से रोहतांग सहित सभी सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. प्रशासन परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं.