कुल्लू. पांच ब्लॉकों में पंचायत फेसिलिटेटर को नियुक्त किया गया है. जिनकी नियुक्ति पर लोकमित्र केंद्र संचालकों ने कई सवाल खड़े किए हैं. हैरानी कि बात है कि पहले से ही पंचायतों में कार्य कर रहे लोकमित्र केंद्र संचालकों को दरकिनार करके ऐसा किया जा रहा है. पूरे प्रदेश भर में लाखों बेरोजगार युवाओं ने लोकमित्र केंद्र खोल रखे हैं जिनका खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. वहीं एकाएक सरकार द्वारा मिशनरीब कंपनी को पंचायतों में फेसिलिटेटर लगाने का कार्य सौंपा गया जो आम लोगों के गले से नहीं उतर रहा है.
लोकमित्रों का डर कहीं ठप न पड़ जाए काम
मिशनरीब कंपनी सभी फेसिलिटेटरों को 10 हजार रुपये मासिक वेतन देने का करार कर चुकी है. कंपनी का कहना है कि यह सभी फेसिलिटेटर पंचायतों में जाकर हर घर में कार्य करेंगे. कंपनी का दावा है कि जो सुविधा सीएससी में भी नहीं है वह सुविधा उनके पास है. इसलिए प्रत्येक पंचायतों में एक नहीं दो दो फेसिलिटेटर की नियुक्ति की गई है. लोकमित्र केंद्र संचालकों का कहना है कि पंचायत में अभी तक लोकमित्र केंद्र कार्य कर रहे हैं इसके बावजूद इस काम के लिए दूसरी कंपनी को लाने का औचित्य क्या है. उन्हें डर है कि कहीं उनका कार्य पूरी तरह से ठप्प न हो जाए.
क्या कहते हैं कंपनी संचालक
मिशनरीब कंपनी के अधिकारी एलसी शर्मा ने कहा कि हम लोग सरकारी और गैरसरकारी सभी तरह की सेवाएं प्रदान करेंगे. जिसके लिए प्रत्येक पंचायत में दो फेसिलिटेटर और एक कंसलटेंट नियुक्त किए जाएंगे. इन्हें कंपनी की ओर से 10 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा. इसमें उपभोक्ताओं से संबधित कार्य के लिए चार्ज भी लिया जाएगा. प्रदेश में सभी 3236 पंचायतों में लगभग 10 हजार के आसपास युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है.