शिमला(रामपुर बुशहर). सीटू से संबद्ध दीपक प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन(ग्रेफ) ने सोमवार को 756 बीआरटीएफ डेट ज्यूरी के कार्यालय के बाहर अपनी मांगो को लेकर हल्ला बोला. इसमें धामी से लेकर सपिल्लो तक के मजदूरों ने भाग लिया.
सीटू के जिलाध्यक्ष बिहारी सिवगी और ग्रेफ के प्रधान अशोक ने अपने संबोधन में प्रोजेक्ट प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा, “अक्टूबर 2013 में माननीय उच्च न्यायालय अपने फैसले में किसी भी मजदूर को काल्पनिक अवकाश बंद करने का आदेश दिया था, परन्तु इन मजदूरों को बार-बार काल्पनिक अवकाश दिया जा रहा है जो कि माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के आदेश का खुला उल्लंघन है.”
उन्होंने कहा कि ग्रेफ के ‘1962 के नियम’ मजदूर विरोधी हैं, जिसे केंद्र की किसी भी सत्तासीन सरकार ने नहीं बदला. ग्रेफ के अधिकारी न तो देश के संविधान, श्रम कानून और न ही माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल के अक्टूबर 2013 के आदेश को मानते हैं. उन्होंने प्रबंधन को चेताते हुये कहा कि यदि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को नहीं माना गया तो दोषी अधिकारियों पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना का केस संबंधित न्यायालय में किया जाएगा.
यूनियन ने धरने के माध्यम से मांग की है कि काल्पनिक अवकाश देना बंद किया जाए और मजदूरों को सभी सेवा लाभ दिया जाए. इस मौके पर विवेक कश्यप, प्रेम, हेम, राज, रवि, राजेंद्र, हेम राज, चंदेल, भूप सिंह, पवन, जीतराम, शशि कांत,ममता, सुमन, गीता उपस्थित रहे.