नई दिल्ली. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं के अलावा विपक्ष के नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए. पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकीं जयललिता को उनके समर्थक ‘पुरत्चि थलावी’ कहते थे. इसका अर्थ होता है ‘क्रांति की नायिका’. सही मायनों में जयललिता क्रांति की नायिका ही थीं.
मौन रैली निकालकर दी श्रद्धांजलि
चेन्नई के मरीन बीच पर निर्मित जयललिता मेमोरियल (जहां एमजीआर के साथ जयललिता की समाधि बनी है) तक अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम, मुख्यमंत्री पलानीसामी समेत पार्टी के सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने मौन रैली निकाली. सभी ने शोक में काले कपड़े पहन रखे थे. सभी ने अम्मा की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. समाधि स्थल पर सुबह से ही भारी भीड़ जमा थी. इस दौरान भीड़ ने नारे भी लगाए.
75 दिन तक किया मौत से संघर्ष
पिछले साल 5 दिसंबर को ही जयललिता ने चेन्नई के अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. सितंबर महीने में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी सेहत में कुछ सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज करने की तैयारी हो रही थी कि दोबारा कार्डिएक अरेस्ट होने पर उन्हें आईसीसीयू में भर्ती कराया गया. इसके बाद उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका. 75 दिनों तक मौत से संघर्ष के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली.
पार्टी में फूट, शशिकला को जेल
जयललिता के देहांत के बाद पार्टी में फूट पड़ने की भी नौबत आई थी. उनकी करीबी शशिकला ‘चिनम्मा’ ने पार्टी की बागडोर अपने हाथ में ले ली और खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया. इसके बाद जयललिता के विश्वासपात्र रहे ओ. पन्नीरसेल्वम ने बगावत कर दी. हालांकि बाद में वरिष्ठ नेताओं की मध्यस्थता से ओ. पन्नीरसेल्वम को उप मुख्यमंत्री का पद देकर मनाया गया. बाद में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आने के बाद शशिकला की गिरफ्तारी हुई.