नई दिल्ली. शिक्षकों को एक बार फिर उनके मूल काम से हटाकर गैर शैक्षणिक कामों में लगा दिया गया है. मामला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले का है. जिले के शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों को आदेश दिया है कि शौचालय के लिए खोदे जा रहे गड्ढों पर नजर रखना है और खुदाई के कार्यों में समन्वयन स्थापित करना है.
टीकमगढ़ जिले के शिक्षा अधिकारी बीके लुहारिया ने जारी निर्देश में कहा है कि संकुल प्राचार्य, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विकासखंड स्रोत केंद्र समन्वयक और जनशिक्षकों को ‘स्वच्छता ही सेवा’ जनांदोलन में सहयोग देना है. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक काम में लगाये जाने पर लुहारिया का कहना है कि स्कूल की पंचायत के क्षेत्र में शौचालय के लिए जो गड्ढे खोदने हैं उसको देखना भर है. उन्हे गड्ढे खोदना नहीं है.
मालूम हो कि शिक्षा का अधिकार कानून के मुताबिक शिक्षकों से शिक्षण के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं लिया जा सकता है. हालांकि आरटीई में छूट मिली है कि जनगणना और मतदान संपन्न कराने में शिक्षकों की मदद ली जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके तहत गड्ढे खोदे जा रहे हैं. इसमें शिक्षकों को भी लगाया गया है.