जोगिंद्रनगर (मंडी). उज्जैन के महाकालेश्वर के बारे में सभी को पता होगा मगर कम लोग जानते हैं कि मंडी के जोगिंद्रनगर में भी महाकाल का एक पौराणिक मंदिर है. सदियों पुराने इस मंदिर के साथ तमाम जनश्रुतियां जुड़ी हुई हैं. कभी मंदिर परिसर के भीतर ही श्मशान और यमशिला भी स्थापित थे, हालांकि बाद में इन्हें हटा दिया गया. मान्यता है कि मंदिर में दर्शन करने से अकाल मृत्यु के भय के साथ ही अन्य रोग और व्याधियां भी दूर हो जाते हैं.
दैत्यराज जलंधर के वध से जुड़ी है कथा
महाकाल मंदिर की कथा दैत्यराज जलंधर के वध से जुड़ी हुई है. काल पर भी विजय पाने के भगवान शिव के वरदान के बाद जलंधर ने ऋषि-मुनियों पर अत्याचार शुरू कर दिया. अत्याचार बढ़ने लगे तो उसके वध के लिए भगवान शिव ने महाकाल का रूप धारण कर लिया और जलंधर का वध किया. इसी दौरान हिमालय के इस वीरान स्थान पर स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ जिसे साधकों ने महाकाल माना और उसकी पूजा शुरू की.
शनि और राहु के प्रकोप होते हैं शांत
मान्यता है कि महाकाल के इसी सिद्ध स्थल पर शनिदेव और उनकी माता छाया ने तप किया था. प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शनिदेव को वरदान दिया की इस काल क्या हर काल में मानव तो क्या देवता भी तुमसे भयभीत होकर रहेगें, पर तुम हमेशा मेरे सानिध्य में वास करना. भक्तों कि विशेष मनोकामना पूर्ण करने के लिए ये मंदिर प्रसिद्ध है. अगर किसी व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय हो तो यहां उसे शांति मिलती है. मंदिर के बाहर कुंंड में मछलियों को आटा डालने से लोगों को राहु व शनि ग्रहों के चक्रों से शांति प्राप्त होती है.
भाद्र पक्ष में होता है भव्य मेलों का आयोजन
भाद्र पद मास (काला महीना) में शनि देव भगवान शिवजी के दर्शन के लिए यहां पर आए थे. उस उपलक्ष्य में पिछले कई वर्षों से यहां पर इसी मास में 4-5 भव्य मेलों का आयोजन होता है. मेलों का समापन्न मंदिर के पुजारी राम कुमार मिश्रा द्वारा भव्य दीप माला द्वारा किया जाता हैं. मंदिर में हर शनिवार सुबह 11 बजे से 2 बजे तक मंदिर कमेटी द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है.
क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी
वर्ष-1997 से महाकाल मंदिर के पुजारी का पदभार सम्भालने वाले पंडित रामकुमार मिश्रा का कहना है कि महाकाल के रुद्राभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि महाकाल के मंदिर के सामने केदार शिला स्थापित है. रामकुमार ने बताया कि वर्ष 2006 मार्च में मंदिर का प्रदेश सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया.