नई दिल्ली. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को करारा झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दाऊद का कामकाज संभालने वाले छोटा शकील की इस साल जनवरी में मौत हो चुकी है. अपने आका की तरह ही शकील भी भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए पाकिस्तान में छिपा बैठा था. खबरें यह भी हैं कि उसकी सक्रियता के कारण आईएसआई ने ही एक आपराधिक गैंग के साथ मिलकर उसे मरवा दिया.
जनवरी में पड़ा दिल का दौरा, दो दिन बाद मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शकील को 6 जनवरी को इस्लामाबाद में दिल का दौरा पड़ा था. वह कराची से इस्लामाबाद पहुंचा था ओडेस्सा नाम की एक आपराधिक गैंग के सरगना से मिलने, यहां हालत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. दो दिन बाद मौत होने के बाद उसकी लाश घरवालों की सौंप दी गई और बेहद खुफिया तरीके से उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया गया. उसका पूरा नाम मोहम्मद बाबू मियां शेख था.
आईएसआई ने रची थी साजिश
शकील के रिश्तेदारों की टेलीफोनिक बातचीत के आधार पर दावा किया जा रहा है कि 57 साल के छोटा शकील की मौत के पीछे आईएसआई की साजिश है. शकील अब भी जरायम जगत में सक्रिय था और तमाम धंधे कर रहा था. आईएसआई को लगा कि उसे हैंडल करना मुश्किल है तो उसे रास्ते से हटा दिया गया. बातचीत में यह भी सामने आया है कि अपने सबसे विश्वस्त साथी की मौत के बाद से दाऊद की भी तबीयत बिगड़ गई और डिप्रेशन की हालत में उसे दो बार अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
मुंबई बम धमाकों के बाद छोड़ा था देश
डांगरी से दाऊद का साथी रहा शकील 1993 में मुबई बम धमाकों के बाद अपने आका की तरह ही देश छोड़कर भागा था. मुंबई में अलग-अलग जगह हुए 12 बम धमाकों में 257 लोग मरे थे जबकि 700 से ज्यादा घायल हुए थे. धमाकों के बाद ही छोटा राजन भी डी कंपनी से अलग हो गया था और दोनों जानी दुश्मन बन गए थे. यहां तक कि बैंकाक समेत कई जगहों पर शकील के शूटरों ने राजन की हत्या की कोशिशें भी की थीं. शकील इसके बाद दुबई फिर पाकिस्तान में छिपता रहा. हालांकि भारत के अपराध जगत में इसके बाद भी उसकी तूती बोलती थी.