शिमला. हिमाचल के जिला कुल्लू में केबल ऑपरेटर्स ट्राई और ब्रॉडकास्टर चैनलों के दाम बढ़ाने को लेकर केबल ऑपरेटर्स गुस्से में हैं. कैबल ऑपरेटर्स ने बड़े चैनलों को दिखाना बंद कर दिया है. केबल ऑपरेटर्स ने बताया कि उपभोक्ता केबल नेटवर्क पर अपने पसंदीदा चैनल नहीं देख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्राई और ब्रॉडकास्टर चैनलों के दाम बढ़ाने का दवाब बना रहे हैं. केबल कंपनियां दाम बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं.
केबल नेटवर्क में STAR, SONY और ZEE हुए बंद
कंपनियों ने उपभोक्ताओं के हितों का हवाला देते हुए दाम न बढ़ाने का निर्णय लिया है. वहीं ब्रॉडकास्टरों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए केबल नेटवर्क ने भी स्टार, सोनी और जी के चैनल दिखाने भी बंद कर दिए हैं.
TRAI ने पहले भी ठगा
स्थानीय केबल ऑपरेटरों का कहना है कि ट्राई ने पहले भी NTO लागू कर देश की जनता को सस्ता मनोरंजन प्रदान करने के नाम पर ठगा है. पहले उपभोक्ता 200 से 250 रूपए प्रति माह में सभी ब्रॉडकास्टरों के चैनल देख पाते थे, लेकिन अब 400 रूपये अदा करने के बाद भी अधिकतर चैनल मनोरंजन से गायब है. केबल ऑपरेटर्स का कहना है कि अगर ट्राई और ब्रॉडकास्टर रेट बढ़ाने में कामयाब हो जाते हैं, तो इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा. इसका केबल ऑपरेटर कड़ा विरोध करते हैं.
ऑपरेटर्स ने केंद्र व प्रदेश सरकार से की अपील
केबल ऑपरेटर अरूण कंबोज, मनमिंद्र अरोड़ा, विपिन कुमार, चांद किशोर, सूद बंधू, जगमित्र रावत, हिरालाल विभ्भू, संजय ठाकुर, वासुदेव चोपड़ा, विजयंत जंबाल, जय ठाकुर, अजय शर्मा, रजत ने केंद्र और प्रदेश सरकार से इस मामले पर हस्तक्षेप करने की अपील की है, जिससे की आम जनता को मनोरंजन की सुविधा सस्ते दामों पर मिल सके.
सभी चैनल ने बढ़ाए रेट, उपभोक्ताओं को होगी समस्या
हिमाचल प्रदेश केबल ऑपरेटर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य KS चौहान ने बताया कि लगभग सभी बड़े चैनलों ने अपने पैकेज के रेट बढ़ा दिए हैं. हिंदुस्तान भर में अभी तक ऑपरेटर्स ने यह बड़े हुए रेट शुरू नहीं किए हैं. इस वजह से पीछे से ही बड़े चैनलों ने केबल ऑपरेटर्स को फीड देना बंद कर दिया है. यही कारण है कि लोग अपने टेलीविजन पर विभिन्न मुख्य चैनल नहीं देख पा रहे हैं.
चौहान ने बताया कि इसे लेकर सभी ऑपरेटर्स ने सुप्रीम कोर्ट में केस लगा रखा है. इसकी सुनवाई होनी है. ऑपरेटर का तर्क है कि चैनलों के पैकेज के बड़े हुए रेट देने का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. चौहान के मुताबिक अभी तक लोग अपने घरों में 350 रुपए तक में केबल टीवी के अधिकतर चैनल देख पा रहे हैं. यदि केबल ऑपरेटर्स ने चैनलों की बात मान ली तो उपभोक्ताओं पर 500 रुपए और इससे भी अधिक का बोझ पड़ जाएगा.