शिमला. छह माह बाद बहाल हुए सामरिक महत्व के मनाली-लेह मार्ग से आने वाले दिनों कुल्लू-मनाली और लाहौल की वादियां सैलानियों से गुलजार होंगी. मई का दूसरा पखवाड़ा शुरू हो गया, लेकिन कुल्लू-मनाली में होटलों की आक्यूपेंसी अभी तक 60 फीसदी तक चल रही है. अब 427 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह मार्ग खुलने से मनाली के पर्यटन को संजीवनी मिलेगी.
चीन और पाकिस्तान की सरहदों पर बैठे देश के प्रहरियों तक राशन पहुंचाना अब आसान हो जाएगा. कारगिल व लेह के लोग आपात स्थिति में तीन गुना अधिक लम्बा सफर कर रहे थे लेकिन अब सरचू लेह के बहाल होने से उन्हें राहत मिली है.
हिमपात की वजह से 6 महीने बंद रहा राजमार्ग
हिमपात के कारण मनाली को लेह से जोड़ने वाला ये राजमार्ग छह महीने के लिए बंद हो गया था. बीआरओ ने मार्च में ही सरचू में अपनी अस्थाई चौकी स्थापित कर दी थी, लेकिन लगातार हुए हिमपात से वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई थी. अब सभी परिस्थितियों को जानने के बाद लाहौल स्पीति प्रशासन ने इसे आज से वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है.
चार अहम पर्वतीय रास्तों से गुजर पाएंगे सैलानी
यात्रा के दौरान सैलानी यहां चार अहम पर्वतीय रास्तों से गुजर पाएंगे. अटल टनल के दीदार करते हुए सैलानी जिस्पा में रुकने का मौका मिलेगा. लाहौल पहुंचते ही 16000 फीट ऊंचे बारालाचा ला दर्रे का दीदार कर पाएंगे. इस दर्रे को पार करते ही सैलानी जम्मू कश्मीर की वादियों में प्रवेश कर जाएंगे.
जम्मू कश्मीर का आसमान छूने वाला 15580 फुट ऊंचा और 16500 फीट ऊंचा लाचुंगला दर्रा सभी को रोमांचित करेगा. लेह की वादियों में प्रवेश करने के बाद दुनिया का सबसे खूबसूरत और आसमान से ऊंचा दिखने वाला साढ़े 17 हजार फीट तांगलांग ला दर्रा बिल्कुल अलग अनुभव देगा.
सरचू में जल्द स्थापित होगी पुलिस चेक पोस्ट
मनाली-सरचू-लेह सड़क पर सरचू में एक सप्ताह के भीतर पुलिस चेक पोस्ट स्थापित की जाएगी. इसी के साथ छह माह बाद इस सड़क के बहाल होते ही पुलिस की हर एक पर्यटक व अन्य वाहनों और गतिविधियों पर पैनी नजर रहेगी. हालांकि, लाहौल-स्पीति प्रशासन ने 16 मई को मनाली-सरचू सड़क को फोर बाई फोर और फोर बाई टू चेन के साथ स्थानीय वाहनों को लेह, लद्दाख की ओर जाने की अनुमति दी है.
पर्यटक वाहनों को अभी पटसेऊ से आगे जाने नहीं दिया जा रहा है. इसी कड़ी में अब लाहौल-स्पीति पुलिस दुनिया की सबसे ऊंची सड़क मनाली-लेह मार्ग पर स्थित सरचू (14,070 ) में एक सप्ताह में चेक पोस्ट स्थापित करने जा रही है. यह चेक पोस्ट मनाली-लेह के बीच आवाजाही करने वाले हर एक व्यक्ति की मदद करने के साथ ही गतिविधियों पर नजर रखेगी.
देश की सुरक्षा की दृष्टि से मनाली-सरचू-लेह सड़क अति महत्वपूर्ण है. 1999 में कारगिल युद्ध के बाद यह मार्ग अपने सामरिक महत्व को दर्ज करवा चुका है और अब इसे भारतीय सेना की लाइफ लाइन भी माना जाता है. सेना को रसद व गोला बारूद सहित अन्य सामग्री की खेप मनाली-सरचू के रास्ते लेह लद्दाख में कम समय में पहुंचाया जा सकता है.