मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के द्रंग में 300 करोड़ की लागत से बनने वाला तरल(लिक्विड) नमक का कारखाना जमीन के चक्कर में अभी तक कागजों में ही सिमटा हुआ है. इस उद्योग के लिए 80 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है जबकि मात्र 20 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण होना बाकी है.
जमीन के पचड़े के कारण अभी तक यह उद्योग नहीं लग पाया है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 300 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है. यह देश का पहला लिक्विड नमक का उद्योग होगा जिससे इलाके के करीब 2 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
बता दें कि मंडी जिला की द्रंग घाटी में चट्टानी नमक की खानें हैं और इनकी देखरेख का जिम्मा हिंदुस्तान साल्टस लिमिटेड को दिया गया है. पहले यहां से चट्टानी नमक को निकालने का कार्य भी बंद कर दिया गया था लेकिन एक साल पहले यहां इस काम को फिर से शुरू किया गया. हालांकि अभी तक नमक निकालने और उसे बेचने का काम सुचारू नहीं हो पाया है.
यहां बनने वाला लिक्विड नमक कारखाना जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण अधर में लटका हुआ है. सांसद राम स्वरूप शर्मा की मानें तो प्रशासन जल्द ही जमीन का अधिग्रहण करवायेगी. अधिग्रहण होते के साथ ही काम पूरा कर लिक्विड नमक के उद्योग को स्थापित कर दिया जायेगा.