नई दिल्ली: मणिपुर में लगभग दो महीने से जातीय हिंसा से निपटने को लेकर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह आज इस्तीफा देने ही जा रहे थे, लेकिन जनता के दबाव में उन्होंने अपना मन बदल लिया. मंत्री ने बताया कि बीरेन सिंह गवर्नर हाउस के लिए निकले, लेकिन इंफाल स्थित उनके आवास के बाहर समर्थन के लिए हुए भारी प्रदर्शन के बाद वे वापस लौट आए.
सैकड़ों महिलाएं बीरेन सिंह के आवास के पास इकट्ठी हुईं और मानव श्रृंखला बनाई. प्रदर्शन कर रही महिलाएं नहीं चाहती थीं कि वे इस्तीफा दें. उनके त्याग पत्र की प्रति तब फाड़ दी गई, जब दो मंत्री इसे लेकर उनके आवास से बाहर आए.
इस वक्त कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी मणिपुर में दो-दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं. मणिपुर में हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी के बारे में पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि वह यहां आकर राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं यहां कोई राजनीतिक टिप्पणी करने नहीं आया हूं. मैं यहां इन मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करूंगा, मैं केवल यही चाहता हूं कि यहां जल्द से जल्द शांति लौटे.
राहुल गांधी ने कहा कि जब वह मणिपुर में हिंसा से प्रभावित लोगों से मिले, तो उनका दिल टूट गया. अपने नवीनतम इंस्टाग्राम पोस्ट में कांग्रेस के पूर्व सांसद ने कहा, “मणिपुर में हिंसा के कारण जिन लोगों ने अपने प्रियजनों और घरों को खो दिया है, उनकी दुर्दशा को देखना और सुनना दिल दहला देने वाला है. मैं यहां जिस किसी भाई, बहन या बच्चे से मिलता हूं, उसके चेहरे पर मदद की गुहार है.
भारतीय सेना ने मणिपुर के तनावग्रस्त कांगपोकपी जिले में संघर्ष की सूचना देते हुए कहा था कि हथियारबंद दंगाइयों ने हराओथेल गांव में गोलीबारी की. सेना के मुताबिक, इसके जवाब में हालात बिगड़ने से बचाने के लिए सेना ने अपने जवानों को प्रभावित इलाके में भेज दिया है.
मणिपुर पुलिस के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से 17 हथियार, 12 गोला-बारूद और 10 बम बरामद किए गए हैं. बुधवार को संयुक्त टीम ने काकचिंग जिले से आठ हथियार, दो गोला-बारूद और दो बम बरामद किए थे.