नई दिल्ली. लोकसभा में मानसून सत्र का दूसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. संसद में दिवंगत को श्रद्धांजलि देने के बाद विपक्षी दलों ने ‘गोरक्षकों’ द्वारा लोगों की पिटाई तथा किसानों के बदतर हालात के मुद्दे को उठाया. वे नारे लगाते हुए सभापति के आसन तक पहुंच गये. भारी शोर-शराबे के बाद अध्यक्ष ने बुधवार तक के लिए लोकसभा को स्थगित कर दिया. लोकसभा कल सुबह 11 बजे से शुरु होगी.
सभा की शुरूआत में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवान, हिमाचल प्रदेश के शिमला और उत्तराखंड में बस दुर्घटनाओं, पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की विभीषिका समेत देश में पिछले कुछ महीनों में हुई विभिन्न घटनाओं के साथ ब्रिटेन के मैनचेस्टर और अफगानिस्तान के काबुल स्थित डिप्लोमेटिक एन्क्लेव पर आतंकी हमले का जिक्र किया. सदन में कुछ पल मौन रखकर इन आपदाओं और घटनाओं में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.
लेकिन ज्योंही सदन की कार्यवाई को आगे बढ़ाने की बात हुई, तृणमूल कांग्रेस, राजद और वाम दलों के नेता हाथों में तख्ती लिये, नारे लगाते हुए सदन के बीचो-बीच पहुंच गये. वे ‘गौरक्षकों’ के द्वारा पिटाई और किसानों की खराब स्थिति के लिए सरकार की आलोचना कर रहे थे.
वहीं, कर्नाटक के भाजपा सांसद भी तख्ती लेकर संसद में प्रदर्शन करते दिखे. वह कर्नाटक सरकार के द्वारा ईमानदार अधिकारियों के उत्पीड़न पर नाराज़गी जाहिर कर रहे थे. हाल में डीआईजी(जेल) डी. रूपा ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री शशिकला नटराजन को जेल में मिल रही सुविधाओं को उजागर किया था. जिसके बाद उन्हेंं स्थानांतरित कर दिया गया था.
आज प्रश्नकाल के दरम्यान, निम्न तीन विधेयक संसद में पेश किए जाने थे:
- अचल संपत्ति(संशोधन) विधेयक 2017
- पुरातत्विक स्मारकों के रखरखाव संबंधित(संशोधन) विधेयक 2017
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम और एनर्जी बिल 2017
इसके साथ ही दो विधेयक विचार के लिये रखे जाने थे:
- भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान(सरकार और जनता की भागीदारी विधेयक) 2017
- बच्चों के लिए अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा अधिकार(संशोधन) विधेयक, 2017
सदन में हंगामे की वजह से यह दोनों ही कार्य न हो सके.