नई दिल्ली. अगले सप्ताह में शुरू होनेवाली संसद की मानसून सत्र में चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे को हावी रहने की संभावना है. इस मुद्दे पर शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर सर्वदलीय बैठक हुई. सरकार ने डोकलाम को लेकर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद और अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले को लेकर विपक्षी दलों का विश्वास जीतने की कोशिश की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सरकार ने तमाम विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गयी. बैठक में चीन के साथ चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए सरकार के प्रयासों तथा अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंंकी हमले पर सरकार के कार्यवाई से अवगत करवाया गया. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार का साथ देने की बात कही.
जहां, बैठक में सरकार की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव और गृह सचिव भी शामिल हुए. वहीं, विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा ने बैठक में हिस्सा लिया. इस सर्वदलीय बैठक में इनके अलावा जेडीयू, लेफ्ट, एआईडीएमके, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजम समाज पार्टी समेत 14 पार्टियों के 19 नेता भी यहां मौजूद रहे.
तीन घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के बारे में विस्तार से बताया. उनके द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन में हमला के तरीकों और परिस्थितियों के बारे में बताया गया. इसके साथ ही हमले के बाद अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर किए गए इंतजाम में भी बताया गया.
अमरनाथ यात्रियों पर हमले के बारे में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार से कहा कि इस हमले की कश्मीर में हर तबके के लोगों ने घोर निंदा की है और इसके लिए अफसोस जताया है. इस तर्क के साथ उन्होंने सरकार को सलाह दी कि कश्मीर में बातचीत के दरवाजा बंद नहीं करने चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या का हल बंदूक के दम पर नहीं निकल सकता, इसके लिए बातचीत करना जरूरी है.
वहीं चीन के साथ डोकलाम में चल रहे विवाद पर विदेश सचिव एस जयशंकर ने प्रेजेंटेशन दिया और वहां के हालात से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि हालांकि यह सीमा विवाद चीन और भूटान के बीच है. लेकिन चीन जो सड़क बना रहा है वो अंतराष्ट्रीय सीमा के पास से गुजरती है. यह भारत के लिए चिंता की बात है. उन्होनें बताया कि मई और जून में चीन की सेना ने एक पुराने भारतीय कैंप को तोड़ दिया और अब वहां रोड बनाने के लिए एक अन्य बंकर को भी तोड़ना चाहती है.
सरकार की तरफ से तीनों मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं को चीनी घुसपैठ के खिलाफ भारतीय सेना के कदमों से अवगत कराया. वहीं बैठक में मौजूद सभी विपक्षी नेताओं ने सरकार से कहा कि भारत की सीमा सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे हर कदम में वह सरकार के साथ हैं. जहां सभी पार्टियों ने विवाद का कूटनीतिक समाधान करने के पक्ष में रही वहीं समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह ने ‘कड़े कदम’ उठाकर सबक सीखाने की बात कही ताकि चीन दोबारा ऐसी हरकत न करें.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वे कूटनीति से मामले को सुलझाने के सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं, लेकिन भारत को चाहिए कि वे इस समस्य़ा को सुलझाने के लिए भूटान को नेतृत्व करने का मौका दे.
जनता दल यूनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों में से कम-से-कम किसी एक के साथ अच्छे संबंध का रहना भारत के लिए सही है.