चंबा(भरमौर). हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा पर मणिमहेश न्यास व सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन यात्रा की व्यवस्था में इतनी अधिक धनराशि खर्च करने के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा.
इस वर्ष हुई मणिमहेश यात्रा को समाप्त हुए 17 दिन बीत चुके है लेकिन हड़सर से मणिमहेश तक के मार्ग में स्थित धन्छो, गौरीकुंड व मणिमहेश के मुख्य पूजा स्थलों व झीलों के आस पास कचरे व गंदगी के ढेर लगे हैं. गंदगी के इन ढेरों के कारण इन स्थलों की पवित्रता तो भंग हो ही रही है बल्कि यह गंदगी जल स्रोतों व झीलों को भी दूषित कर रही है.
यात्रा से पहले सफ़ाई की कही गई थी बात
गौरतलब है कि यात्रा से पूर्व मणिमहेश न्यास व भरमौर प्रशासन ने कहा था कि यात्रा के बाद हड़सर से मणिमहेश तक व पवित्र पूजा स्थलों के आस पास सफाई की जाएगी और कचरे व गंदगी को दूर गड्ढे में दबा दिया जाएगा. इस सफाई व्यवस्था पर करीब चौबीस लाख रुपये खर्च किये गए हैं. न्यास द्वारा इतनी अधिक धन राशि खर्च करने के बावजूद सफाई न करना किसी अनियमितता की ओर इशारा करता लग रहा है.
प्रशासन से माँगा जवाब
मणिमहेश यात्रा विकास मंच भरमौर के प्रधान मोती राम शर्मा सहित कार्यकारिणी के तमाम सदस्यों ने मणिमहेश में फैली गंदगी को लेकर प्रशासन से जबाव मांग है. मंच के सदस्यों ने कहा कि अभी भी प्रतिदिन लोग मणिमहेश यात्रा पर जा रहे हैं, जोकि अपने कैमरे में इस गंदगी को कैद कर सोशल मीडिया पर डाल कर प्रशासन की व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं.
उन्होने कहा कि लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद यात्रा के दौरान शौचालय स्थापित नहीं किये गए. जिसके कारण यात्रियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने इस मामले में राज्यपाल हिमाचल प्रदेश को एक शिकायतपत्र भेज कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है.