शिमला. महिला एवं बाल विकास विभाग अब अपने आश्रम में पल रहे बच्चों की हाइटैक तरीके से निगरानी करेगा. आश्रम में तैनात स्टाफ मौजूद है या नहीं, बच्चे सुरक्षित हैं या किसी समस्या में पड़े हैं। पल-पल की अपडेट अब निदेशालय में बैठे अधिकारियों के पास रहेगी। जो जब चाहे बच्चों से बात कर सकते हैं और हालचाल पूछ सकते हैं। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने वीडियो कांफ्रेसिंग का तरीका आज़माया है। अब अधिकारी आश्रमों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ गए है।
शिमला स्थित टूटीकंडी आश्रम से इसकी शुरूआत हो गई है और विभाग के अंतर्गत आने वाले अन्य सभी आश्रमों में भी यह सुविधा शुरू होगी। जिसके लिए आश्रमों में इंटरनेट सुविधा के साथ एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही है। डिजिटल की ओर बढ़ते इंडिया में अब विभाग ने भी तकनीक को अपनाया है। जिससे आश्रम में रहने वाले बच्चों की खैरियत जानने के लिए लंबा सफर करने की जरूरत नहीं रही है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अब आश्रम में तैनात स्टाफ व उसमें रहने वाले बच्चों से समूह में संवाद किया जाएगा। जिसमें न केवल अधिकारी निगरानी करेंगे बल्कि बच्चों से उनकी दिक्कतों के बारे में भी पूछा जाएगा। टूटीकंडी आश्रम में यह संवाद शुरू भी हो गया है।
मालूम हो कि विभाग के अंतर्गत प्रदेश में नौ आश्रम हैं। इसमें ऊना जिला का समूरकला, रोहडू का मसली, परागपुर, सुजानपुर, सुदंरनगर, चंबा किलाड, चंबा साहू, टूटीकंडी व मशोबरा आश्रम शामिल है। इनमें 18 साल तक के बच्चे दाखिल हैं। जिनके सिर पर माता-पिता का हाथ नहीं तो कुछ इतने गरीब हैं कि अभिभावक उनका खर्च नहीं उठा सकते हैं।
आश्रम की कई बार शिकायतें रहती हैं कि खाना अच्छा नहीं दिया जा रहा है या बच्चों से बर्ताव ठीक नहीं है। ऐसी भी जानकारी मिलती रही है कि कई बच्चे तंग आकर भागने की कोशिश करते हैं ।क्योंकि वह अपनी दिक्कत किसी से साझा नहीं कर पाते और न ही बच्चे अधिकारियों से सीधे बात कर पाते हैं। वीडियो कांफ्रेंस से अब जिस समस्या का निपटारा होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक दिलीप नेगी ने बयान जारी करके कहा है कि “आश्रम में वीडियो कांफ्रेस की नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है। तकनीक के माध्यम से अब आश्रमों की निगरानी की जा रही है। किस आश्रम में कब क्या हो रहा है, इसकी जानकारी रखना आसान है। बच्चों से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से कभी भी बात कर सकते है, जिससे वह अपनी दिक्कतें बता सकते हैं।”