शिमला. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के समय हिमाचल की जनता को जो सपने दिखाये थे और जो वायदे किये गये थे उसके बारे में मोदी जी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. पिछले 3 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वही बातें देश की जनता के सामने करते आ रहे हैं. वह आज भी उन्हे दोहराते ही दिखे.
हिमाचल प्रदेश में यूपीए सरकार के समय में चार मेडिकल कालेज दिये गये. आईआईएम दिया गया और भी कई केन्द्रीय संस्थान दिये गये. अगर देश में एम्स की बात की जाए तो पिछली यूपीए सरकार के वक्त रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सोच थी जिन्होने पूरे देश में कई केंद्रीय संस्थान खोले जिसमें एम्स महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है.
महंगाई और जीएसटी से परेशान हिमाचल
रेलवे लाईन का विस्तार हिमाचल प्रदेश में पूर्व यूपीए सरकार के वक्त से शुरू हुआ और सैल की इकाई स्थापित करने में भी पिछली सरकार का ही योगदान रहा है.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आई.एन.मेहता ने कहा कि आज देश में जो भी ज्वलंत मुद्दे हैं जिसमें महंगाई, बेरोजगारी सबसे अहम मुद्दा है. उसके बारे में देश के प्रधानमंत्री हिमाचल की जनता के सामने सफाई देने में विफल रहे हैं. आज भारत में महंगाई चरम सीमा पर है. जिसने देश की गरीब जनता की कमर तोड़ के रख दी है. रोजमर्रा की चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत सबसे निचले स्तर पर है. इसके बावजूद पेट्रोल, डीजल की कीमत देश में रिकॉर्ड तोड़ उँच्चाई पर पहुँच गई है. जीएसटी का फैसला देश के कारोबारियों के हित में नहीं लिया गया, करोड़ों कारोबारी जीएसटी से परेशान हैं.
एम्स का आईडिया कांग्रेस का
हिमाचल प्रदेश के 1.25 लाख से ऊपर दुकानदार व कारोबारी जीएसटी से परेशान हैं. इन सब बातों के बारे में प्रधानमंत्री हिमाचल की जनता को बताने में परहेज करते दिखे. साल 2014 में मोदी जी ने मंडी में लोकसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश के लोगों के हित के लिए बहुत सारे लुभावने प्रलोभन दिये थे. जिसमें सेब पर आयात शुल्क बढाने की बात की थी जो चुनावी शिगूफा बनकर रह गयी है.
आज बिलासपुर में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री की जनसभा में करोड़ों रुपये खर्च किये इसके बावजूद भी भीड़ जुटाने में विफल रहे. प्रधानमंत्री सिर्फ केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की तारीफ करते रहे. भाखड़ा विस्थापितों की बेहतरी के लिये किसी भी तरह की योजनाओं की घोषणा नहीं कर पाए.
पीएम के भाषण से सिर्फ प्रदेश की जनता को निराशा ही हाथ लगी. बिलासपुर में एम्स बनाने का प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने केंद्र को भेजा था. जिससे प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार प्रदेश में लोगों के स्वास्थ के बारे में बेहद गंभीर हैं. इसलिए प्रदेश सरकार ने बिलासपुर जिले को एम्स बनाने के लिए चुना.